ब्रिटेन ने खामियाजा भुगता, हम क्यों भुगते... मशहूर वकील ने बताई CAA को लागू करने की वजह
Citizenship Amendment Act Harish Salve: भारत में 11 मार्च से नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो चुका है। इस अधिनियम के तहत तीन देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रधान की जाएगी। हालांकि, विपक्ष ने इसका विरोध किया है। उसने इसकी टाइमिंग पर भी सवाल उठाए हैं। सीएए को लागू करने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है। इस पर डिबेट जारी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने बताया कि सीएए को क्यों लागू किया गया और इसका क्या असर पड़ेगा।
सीएए को क्यों लागू किया गया?
हरीश साल्वे ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में बताया कि सीएए को लागू करने का मकसद यह नहीं है कि भारत ने अपने दरवाजे शरणार्थियों के लिए खोल दिए हैं। इसका मकसद है कि 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को देश की नागरिकता प्रदान किया जाए। ये वे लोग हैं जिनके साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव किया जाता था।
Gazette notification of the Citizenship Amendment Act (CAA). @HMOIndia @PMOIndia pic.twitter.com/QQgyGAv0IT
— Pramod Kumar Singh (@SinghPramod2784) March 11, 2024
'शरणार्थियों से परेशान है ब्रिटेन'
हरीश साल्वे ने ब्रिटेन (UK) का उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रिटेन ने शरणार्थियों के लिए दरवाजे खोले थे, आज पूरा देश इससे परेशान है। वहां का इमिग्रेसन सिस्टम भी पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। आज लंदन जर्जर हालत में है। उससे अच्छा तो अपना देश भारत है।
▶️CAA will not take away citizenship of any Indian citizen irrespective of religion. It's not against any single religion/ community
▶️It's an enabling law only to provide citizenship to persecuted minorities from neighboring countries - Afghanistan, Pakistan & Bangladesh
2/2
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 12, 2024
यह भी पढ़ें: 2024 में पूरा किया 2019 का वादा; लोकसभा चुनाव में भाजपा को कितना फायदा पहुंचाएगा CAA?
'पूरी दुनिया के लिए भारत अपने दरवाजे नहीं खोल सकता'
सीएए के विरोध पर साल्वे ने कहा कि कुछ लोग तर्क देते हैं कि CAA के लागू होने से धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन होता है, लेकिन जब केंद्र सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लागू करने की बात कहती है तो यही लोग कहते हैं कि हर किसी के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता, लेकिन अब यही लोग सीएए पर उल्टा बोल रहे हैं। भारत पूरी दुनिया के लिए अपने दरवाजे नहीं खोल सकता।
Citizenship Amendment Act formally implemented.
Aap Chronology Samjhiye 🤙🏻#CAA pic.twitter.com/HUzrsSRyvz
— Johns (@JohnyBravo183) March 11, 2024
यह भी पढ़ें: CAA के लागू होते ही इस राज्य में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन, 11 मार्च को बताया ‘काला दिन’