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CAA कभी वापस नहीं लिया जाएगा... नागरिकता कानून पर गृह मंत्री अमित शाह की दो टूक

Amit Shah CAA: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सीएए का कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। भारत की संप्रभुता के साथ हम समझौता नहीं कर सकते। इस दौरान उन्होंने सीएए को लागू करने की टाइमिंग पर सवाल उठाने को लेकर भी विपक्ष को आड़े हाथों लिया।
09:22 AM Mar 14, 2024 IST | Achyut Kumar

Amit Shah CAA: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) कभी वापस नहीं लिया जाएगा। बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार इसके साथ कभी समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भारत की नागरिकता सुनिश्चित करना भारत की संप्रभुता का निर्णय है। हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे। सीएए कभी वापस नहीं लिया जाएगा।

'विपक्ष की सत्ता में आने की संभावना बेहद कम'

एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह से जब एक कांग्रेस नेता के बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे सत्ता में आने पर CAA को रद्द कर देंगे, गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष भी जानता है कि उसके सत्ता में आने की संभावना कम है। सीएए बीजेपी द्वारा लाया गया है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इसे लेकर आई है। इसे रद्द करना असंभव है। हम पूरे देश में इसके बारे में जागरूकता फैलाएंगे।

'झूठ की राजनीति करते हैं विपक्षी दल'

विपक्ष द्वारा सीएए लागू करने की टाइमिंग पर सवाल उठाए जाने को लेकर अमित शाह ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी समेत सभी विपक्षी दल झूठ की राजनीति कर रहे हैं। टाइमिंग का कोई सवाल ही नहीं है। बीजेपी ने 2019 में अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह CAA लाएगी और अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता देगी।

'तुष्टिकरण की राजनीति करता है विपक्ष'

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2019 में सीएए को संसद द्वारा पारित किया गया था, लेकिन कोविड के कारण इसे लागू करने में देरी हुई। विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति के जरिए अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष बेनकाब हो चुका है।  देश की जनता जानती है कि सीएए इस देश का कानून है। मैं पिछले 4 साल में 41 बार कह चुका हूं कि इसे चुनाव से पहले लागू किया जाएगा।

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'असंवैधानिक नहीं है सीएए'

केंद्रीय मंत्री ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि सीएए असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करता है। वे हमेशा अनुच्छेद 14 के बारे में बात करते हैं। वे भूल जाते हैं कि उस अनुच्छेद में दो खंड हैं। यह कानून अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है। यह उन  शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करेगा, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में उत्पीड़न का सामना कर रहे थे।

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