BRS नेता के. कविता की क्यों हुई जमानत याचिका खारिज, 5 पॉइंट में समझें
Delhi Excise Policy Case (प्रभाकर मिश्रा) : दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में अदालत ने बीआरएस नेता के. कविता की अंतरिम जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी है। राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने उस तर्क को अस्वीकार कर दिया जिसमें कविता ने अपने बेटे के एग्जाम का हवाला दिया था। कोर्ट ने कहा है कि जो तथ्य अदालत के सामने रखे गए हैं, उनके मद्देनजर इस केस में के.कविता की भूमिका प्रथम दृष्टया साबित हो रही है।
आइए आपको पांच पॉइंट में बताते हैं कि निचली अदालत ने याचिका किस आधार पर रद्द की और अपने आदेश में क्या कहा?
- के. कविता को अंतरिम जमानत देने का यह सही समय नहीं है। वह केस में अहम सबूतों को खत्म करने में शामिल रही हैं।
- जांच में शामिल होने से पहले उन्होंने अपने फोन को फॉर्मेट किया, जिससे सबूत नष्ट हो गए। इस बात की फोरेंसिक रिपोर्ट में पुष्टि हुई है।
- वह गवाहों को प्रभावित करने में शामिल रही हैं। अगर अंतरिम जमानत दी जाती है तो वे आगे भी ऐसा कर सकती हैं।
- के. कविता कोई कमजोर या लाचार महिला नहीं है, बल्कि पढ़ी लिखी और सक्षम महिला हैं। ऐसे में सिर्फ महिला होने के नाते वो PMLA के सेक्शन 45 के तहत छूट की हकदार नहीं है।
- बेटे के एग्जाम पर कोर्ट ने कहा कि 16 साल के बेटे की परीक्षा के लिए परिवार में पिता समेत दूसरे लोग भी है, जो बच्चे का ख्याल रख सकते हैं।
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अदालत में सुनवाई के दौरान यह हुआ
सुनवाई के दौरान ईडी ने के. कविता पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए और नियमों का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत याचिका का विरोध किया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 22 मार्च को के. कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। गौरतलब है कि ईडी ने दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 15 मार्च को उन्हें हैदराबाद उनके आवास से गिरफ्तार किया था। अदालत ने 9 अप्रैल तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा है।