Delhi Liquor Policy Case: अरविंद केजरीवाल को फिर झटका, अभी जेल में ही रहना पड़ेगा
Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली शराब नीति मामले में जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत कोर्ट ने 7 मई तक बढ़ा दी है। इससे पहले कोर्ट ने केजरीवाल को 1 से 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा था। इसके बाद एक बार फिर कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी थी। बता दें कि इस मामले में सीएम केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को अरेस्ट किया था। केजरीवाल के साथ ही इसी मामले में जेल में बंद के. कविता की न्यायिक हिरासत भी कोर्ट ने 7 मई तक बढ़ा दी है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब इस मामले में 29 अप्रैल को सुनवाई होगी। इससे पहले 15 अप्रैल को सुनवाई के दौरान ईडी के वकील एस वी राजू ने कहा कि केजरीवाल जवाब देते समय टालमटोल कर रहे हैं। हिरासत में पूछताछ के दौरान उन्होंने कई अहम जानकारियां छिपाई है।
Delhi's Rouse Avenue Court extends Judicial Custody till May 7 of Delhi CM Arvind Kejriwal and BRS Leader K Kavitha and one Chanpreet Singh in ED case related to the Excise Policy matter
All the accused were produced virtually before the court from Tihar.
— ANI (@ANI) April 23, 2024
वहीं केजरीवाल का शुगर लेवल बढ़ने पर इंसुलिन की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने 22 अप्रैल को एम्स के डाॅक्टरों का बोर्ड बनाने का आदेश दिया था। इसके बाद मंगलवार को तिहाड़ प्रशासन ने बताया कि उन्हें सोमवार शाम को इंसुलिन दी गई है। अधिकारियों ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि इंसुलिन को दो युनिट दी गईं।
9 अप्रैल को हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
इससे पहले केजरीवाल ने ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी और जांच एजेंसी द्वारा हिरासत में भेजे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने 9 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि बार-बार समन भेजने के बाद बावजूद आप ईडी के समक्ष पेश क्यों नहीं हुए थे? ईडी ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए हैं।
बता दें कि याचिका दायर करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि ईडी पिछले 9 महीने से इस मामले में मेरी संलिप्तता बता रही थी लेकिन मुझे चुनाव से पहले क्यों गिरफ्तार किया गया? इस पर कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि मामले की जांच और रिमांड कानून के हिसाब से तय होती है ना कि चुनाव की टाइमिंग के हिसाब से। इसके बाद केजरीवाल ने 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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