whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.

लहसुन सब्जी है या मसाला? हाईकोर्ट ने किया फैसला, जानें क्या है मामला और क्यों पहुंचा अदालत तक?

Madhya Pradesh Highcourt Verdict: देश की एक हाईकोर्ट में लहसुन का लेकर छिड़े विवाद का फैसला किया है। पिछले 7 साल से चल रहे केस में हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। इसके साथ ही अब यह फाइनल हो गया है कि लहसुन सब्जी है या मसाला?
08:28 AM Aug 13, 2024 IST | Khushbu Goyal
लहसुन सब्जी है या मसाला  हाईकोर्ट ने किया फैसला  जानें क्या है मामला और क्यों पहुंचा अदालत तक
लहसुन Image Credit: Freepik

Garlic Vegetable or Spice: हर घर की रसोई का अहम हिस्सा लहसुन, एक सब्जी है या इसे मसाला कहा जाए, इसका फैसला हो गया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने केस में अहम फैसला सुनाते हुए लहसुन को सब्जी घोषित किया है। साथ ही लहसुन को सब्जी बाजार और मसाला बाजार दोनों बाजारों में बेचने की परमिशन दी है। बेंच का कहना है कि दोनों बाजारों में लहसुन के बिकने से किसानों को फायदा होगा। बता दें कि किसानों की अपील पर मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड ने साल 2015 में एक प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में लहसुन को सब्जी की कैटेगरी में रखा गया, लेकिन कृषि विभाग ने मामले में दखल देकर मंडी बोर्ड के उस आदेश को रद्द कर दिया और साल 1972 के कृषि उत्पाद बाजार समिति अधिनियम का हवाला देते हुए लहसुन को मसाले का दर्जा दे दिया।

यह भी पढ़ें:मस्जिद में भगदड़, सिर फूटे बहा खून; अंधाधुंध चाकूबाजी करके नकाबपोश युवक ने फैलाई दहशत

किसानों-विक्रेताओं दोनों के हित में सुनाया फैसला

विवाद के बीच सवाल खड़ा हुआ कि अगर लहसुन मसाला है तो इसे किस बाजार में बेचा जाए? अगर इसे मसाला बाजार में बेचा जाएग तो इससे हजारों कमीशन एजेंट प्रभावित होंगे। उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि मसाला बाजार से ज्यादा लोग सब्जी बाजार में आते हैं और हर रोज आते हैं। न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति डी वेंकटरमन की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मंडी बोर्ड के आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें कहा गया है कि लहसुन जल्दी खराब होने वाला पदार्थ है, इसलिए यह एक सब्जी है। हालांकि, अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि लहसुन को सब्जी और मसाला दोनों बाजारों में बेचा जा सकता है, जिससे इसके व्यापार पर लगे प्रतिबंध हट जाएंगे और किसानों-विक्रेताओं दोनों को अच्छा मुनाफा होगा।

यह भी पढ़ें:झील में 540 अरब डॉलर का खजाना; गर्म पानी के अंदर इतना ‘सफेद सोना’ कहां से आया? रिसर्च करके चौंके वैज्ञानिक

हाईकोर्ट में 3 बार 3 बेंच ने की मामले की सुनवाई

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामला कई वर्षों से हाईकोर्ट में लंबित है। आलू प्याज लहसुन कमीशन एजेंट एसोसिएशन ने सबसे पहले साल 2016 में मंडी बोर्ड के प्रमुख सचिव के आदेश के खिलाफ इंदौर पीठ का दरवाजा खटखटाया था। न्यायाधीश ने फरवरी 2017 में प्रमुख सचिव के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन इस फैसले से सब्जी व्यापारियों में खलबली मच गई, जिन्होंने तर्क दिया कि इस फैसले से किसानों को नहीं, बल्कि कमीशन एजेंटों को फायदा होगा। जुलाई 2017 में याचिकाकर्ता मुकेश सोमानी ने एक समीक्षा याचिका दायर की, जो उच्च न्यायालय की 2 न्यायाधीशों वाली बेंच के समक्ष आई, जिसने जनवरी 2024 में लहसुन को मसाला कैटेगरी में शामिल कर दिया और फैसला सुनाया कि उच्च न्यायालय के पहले के फैसले से केवल व्यापारियों को फायदा होगा, किसानों को नहीं।

यह भी पढ़ें:नेवी अफसर से शारीरिक संबंध और अश्लील वीडियो; परमाणु पनडुब्बी के कैप्टन की ‘गंदी’ हरकत

23 जुलाई के फैसले की कॉपी अब आई है सामने

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लहसुन व्यापारियों और कमीशन एजेंटों ने मार्च 2024 में डबल बेंच के आदेश की समीक्षा की मांग की और मामला न्यायमूर्ति धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति वेंकटरमन के समक्ष पहुंचा। पीठ ने 23 जुलाई को अपने आदेश में फरवरी 2017 के आदेश को बहाल कर दिया, जिसमें लहसुन को सब्जी बताया गया था। यह फैसला बीते दिन ही पब्लिक किया गया। इस फैसले से मार्केट बोर्ड के प्रबंध निदेशक को बाजार के नियमों में बदलाव करने की अनुमति मिल गई, जैसा कि मूल रूप से 2015 में किया गया था। वहीं मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड के संयुक्त निदेशक चंद्रशेखर ने बताया कि हाईकोर्ट के इस आदेश से सब्जी मंडियों में कमीशन एजेंटों को लहसुन की बोली लगाने की अनुमति मिल जाएगी। साथ की 2 बाजारों एक अतिरिक्त सब्जी और मसाला लोगों को मिलेगा।

Open in App Tags :
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो