आतंकियों की कैद से छूटा शख्स वापस क्यों लौटा? कंधार हाईजैक की अनुसनी कहानियां
IC 814 The Kandahar Hijack Story: नेटफ्लिक्स की सुपरहिट सीरीज IC 814 द कंधार हाईजैक की कहानी तो सभी को पता होगी? 1999 में नेपाल के काठमांडू से दिल्ली आ रहे विमान को 5 आतंकियों ने हाईजैक कर लिया। एयर इंडिया की इस फ्लाइट का नाम IC 814 था। 180 के लगभग पैसेंजर्स वाली यह फ्लाइट अमृतसर, लाहौर और दुबई होते हुए कंधार पहुंची। इस फ्लाइट में पूर्व रॉ चीफ समेत कई नामचीन हस्तियां मौजूद थीं। कंधार हाईजैक की कई कहानियां पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं।
वापस लौटा शख्स
कंधार हाईजैक के दौरान फ्लाइट में मौजूद एक पैसेंजर ने अजीबो गरीब किस्सा सुनाया है। फेस टू फेस यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू देते हुए जीवन भट्ट नामक पैसेंजर ने कंधार हाईजैक की आंखों देखी कहानी सुनाई है। हालांकि उन्होंने कुछ ऐसा बताया, जिसे सुनकर सबके होश उड़ गए। जीवन के अनुसार हाईजैक के समय फ्लाइट में एक पैसेंजर मौजूद था, जिसे आतंकियों ने जाने दिया था। मगर वो अगले ही दिन फिर वापस लौट आया। उसका कहना था कि मैं अपने लोगों के बीच रहूंगा। यह देखकर हर कोई हैरान था।
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कैसे बीते 7 दिन?
IC 814 पूरे 7 दिन तक कंधार में खड़ा रहा। 8वें दिन इस विमान की भारत में वापसी हुई थी। हालांकि इन 7 दिनों तक फ्लाइट के अंदर क्या-क्या हुआ? यह पूरा किस्सा जीवन भट्ट ने बयां किया है। उनका कहना है कि आतंकियों ने कुछ बच्चों और महिलाओं को छोड़ दिया था। फ्लाइट में बच्चों के साथ डील करना काफी मुश्किल था। ऐसे में आतंकियों ने बच्चों को उनकी मां के साथ जाने दिया। इसके अलावा कुछ बुजुर्गों की सेहत भी बिगड़ने लगी थी, तो आतंकियों ने उन्हें भी रिहा कर दिया था।
फ्लाइट में चुटकुले और गेम्स
जीवन भट्ट ने बताया कि आतंकियों ने 7 दिनों में आतंकी पैसेंजर्स के साथ अच्छी तरह घुल-मिल गए थे। वो अक्सर पैसेंजर्स को चुटकुले सुनाने और गेम्स खेलने के लिए कहते थे। उन्होंने हमें बताया कि कश्मीर में हमारी माताओं और बहनों के साथ भारतीय सेना बदसलूकी करती है। मगर हम ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि हम अच्छे इंसान हैं। कई पैसेंजर्स को हाईजैकर्स से हमदर्दी भी होने लगी थी।
पैसेंजर ने की वापसी
जीवन भट्ट के अनुसार एक पैसेंजर की तबीयत अचानक खराब हो गई। उसे कंधार के ही एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसकी हालत ठीक नहीं थी इसलिए उसे फ्लाइट से नीचे उतार दिया गया। मगर सबसे हैरानी की बात तो यह है कि वो अगले दिन वापस आ गया। उसका कहना था मैं अपने लोगों के बीच बढ़िया हूं। वहां न खिड़की है न दरवाजे हैं। कम से कम यहां अपने लोगों के साथ तो हूं। हमें तो लगा के छूट गया तो बच गया, लेकिन वो वापस लौट आया।
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