चीन के छक्के छुड़ा देगा ये नया डिफेंस सिस्टम, बॉर्डर से 40 किलोमीटर दूर तबाह कर देगा दुश्मन के विमान
New Samar Air Defense System: (पवन मिश्रा, नई दिल्ली) भारत और चीन के बीच कई राउंड की कमांडर लेवल की मीटिंग हो चुकी है। लेकिन परिणाम कुछ भी निकलकर सामने नहीं आया है, लेकिन भारतीय सेना चीन की शातिराना चालों को देखते हुए अपनी फुलप्रूफ तैयारी कर चुकी है। इंडियन एयरफोर्स ने भी एलएसी पर समर एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिया है। समर एयर डिफेंस एक ऐसा सिस्टम है, जो किसी भी हवाई हमले को हवा में ही यानी आसमान में ही खत्म कर सकता है। एक और खासियत इसमें है। जिसके बाद कई देशों की वायुसेना भारत से सुपर टेक्नोलॉजी सीखने की बात कर रही हैं। वो टेक्नोलॉजी क्या है? आगे विस्तार से इसके बारे में बता रहे हैं।
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रूस की पुरानी मिसाइल टेक्नोलॉजी थी, जिसे भारत ने बदलकर इसे आर्म्स का बाप बना दिया है। अब इसे लद्दाख में सीमा के नजदीक तैनात किया गया है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर समर का क्या मतलब होता है? इसका नाम समर क्यों रखा गया है? बता दें कि समर का मतलब सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (फॉर एश्योर्ड रिटेलिएशन) होता है। इतना ही नहीं, वायुसेना ने करोड़ों रुपये की बचत भी कर डाली है। इसे पुरानी रूसी मिसाइल प्रणाली R-73 और R-27 का इस्तेमाल कर मॉडिफाई किया गया है।
भारतीय वायुसेना ने न्यूज24 को एक्सक्लूसिव जानकारी देते हुए बताया कि इस महाशक्ति मिसाइल को ट्रक से लॉन्च किया जाता है। यह 2982 KM प्रति घंटा की स्पीड से किसी भी हवाई टारगेट को मार गिराती है। BRD यूनिट के नेतृत्व में इसका संचालन होता है। इसके लॉन्चर पर दो मिसाइलों को लगाने की व्यवस्था है। इस मिसाइल की रेंज 12 से 40 KM है। समर एयर डिफेंस सिस्टम में दो तरह की मिसाइलें लगती हैं।
जान लें इसकी खासियत
फाइटर पायलट एसपी सिंह के अनुसार SAMAR-1 बदलाव के बाद अब सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बन गई है। इसका वजन 105 KG, लंबाई 9.7 फीट, व्यास 6.5 इंच होता है। इसमें 7.4 KG का वॉरहेड लगता है। वहीं, SAMAR-2 यानी हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। यह 253 KG वजनी मिसाइल है, जो 13.4 फीट लंबी होती है। इसमें पंखें लगे होते हैं, जिनका विंगस्पैन 30.4 इंच का होता है।
इसमें 39 KG का वॉरहेड लगा सकते हैं। जो ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन या कंटीन्यूअस रॉड हो सकता है। मिसाइलों को दागने वाले लॉन्च ट्रक भी अलग-अलग हैं। समर-1 के लिए अशोक लेलैंड स्टैलियन 4x4 ट्रक लगता है। समर-2 मिसाइलों को दागने के लिए बीईएमएल टाटा टी815 8x8 ट्रक लगता है। इसमें लगने वाली मिसाइलें रूस की हैं, जिन्हें भारत में बदला गया है।