कश्मीर की नई तस्वीर: इस बार चुनाव में पत्थर नहीं वोट पड़ रहे हैं, आतंकियों के घरवाले भी करने पहुंचे मतदान
जम्मू-कश्मीर की बात करें तो आजादी के बाद से ही धरती का यह स्वर्ग आतंकी गतिविधियों, पत्थरबाजी और अलगाववाद में फंसा रहा है। लेकिन अब केंद्र शासित प्रदेश बन चुके इस राज्य की तस्वीर बदलती नजर आ रही है। यहां के पुलवामा जिले में बड़े स्तर पर मतदान हुआ है जो पहले ग्रेनेड हमलों, फायरिंग और पत्थरबाजी की घटनाओं का गवाह रह चुका है।
हम बात कर रहे हैं काकपोरा पोलिंग स्टेशन की जहां पिछले तीन दशक के दौरान शायद ही ऐसा कोई चुनाव हुआ हो जिसमें ग्रेनेड हमले, गोलीबारी और पत्थरबाजी की घटनाएं न हुई हों। लेकिन श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में आने वाली इस जगह की तस्वीर बदली है। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान हुए मतदान में यहां मतदाताओं ने काफी एक्टिवनेस दिखाई है।
Voting during the fourth phase of election in district Shopian
Photo by Nisar Ul Haq Allaie
Kashmir Images Election Commission of India Election 2024 pic.twitter.com/A1BqvxYPow— Kashmir Images (@DKashmirimages) May 13, 2024
370 हटने के बाद से घाटी में पहला बड़ा चुनाव
आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर घाटी में पहला बड़ा चुनाव हो रहा है। इसे लेकर यहां की जनता में उत्साह साफ दिखा है। न्यूज24 ने श्रीनगर से लेकर पुलवामा तक कई लोगों से बातचीत की। कुछ ने कहा कि वह आर्टिकल 370 को फिर से लागू करने के पक्ष में मतदान कर रहे हैं। तो कई ने रोजगार, बिजली बिल और अन्य मुद्दों पर वोट देने की बात कही।
यह लोकसभा चुनाव इस बात का भी गवाह बना है कि तीन दशक में कश्मीर घाटी में पहली बार कोई चुनाव अलगाववादी विरोध और हिंसा के बिना हो रहा है। मतदाताओं का प्रतिशत पिछले चुनावों की तुलना में कहीं ज्यादा रहा है। यहां तक कि कई आतंकवादियों के परिवारों के सदस्य भी विभिन्न पोलिंग स्टेशंस पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने पहुंचे।
Experience the joy of voting!
Join first-timers and young voters in Kashmir as they embrace democracy.
Let’s celebrate #ChunavKaParv and #GoVote#YouAreTheOne #InkWaliSelfie #Phase4 #GeneralElections2024 #LokSabhaElections2024 #DeshKaGarv #IVote4Sure @ceo_UTJK pic.twitter.com/s1ksiKo9J4
— Election Commission of India (@ECISVEEP) May 13, 2024
जमात-ए-इस्लामी के चीफ ने भी किया मतदान
प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने पुलवामा में वोट डाला। यह एक बड़ी बात है क्योंकि वह पहले कई बार राज्य में चुनाव का बहिष्कार कर चुके हैं। इसके अलावा एक एक्टिव आतंकी शाहित कुट्टे के पिता भी वोट डालने पहुंचे। उन्होंने दक्षिण कश्मीर के शोपियां इलाके में आने वाले चोटीपोरा में एक पोलिंग बूथ पर मतदान किया।
कश्मीर घाटी में इस बार वोट प्रतिशत पिछले चुनावों की तुलना में बढ़ा है। दोपहर 3 बजे कर यहां 30 प्रतिशत मतदान हुआ था। अगर इसी रफ्तार से वोटिंग होती रही तो यह 50 प्रतिशत का आंकड़ा भी पार कर सकता है। बता दें कि यह ऐतिहासिक आंकड़ा होगा क्योंकि पिछले तीन दशक में श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में इतना मतदान कभी दर्ज नहीं किया गया है।
5 जिलों में हो रही वोटिंग, श्रीनगर में जंग रोचक
श्रीनगर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला चल रहा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से इस सीट पर आगा रुहुल्लाह मेहदी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, पीडीपी ने वाहिद-उ-रहमान पारा को और अपनी पार्टी ने मोहम्मद अशरफ मीर को प्रत्याशी बनाया है। आम चुनाव के चौथे चरण में यहां के पांच जिलों- श्रीनगर, पुलवामा, बड़गाम, गांदरबल और शोपियां में मतदान हो रहा है।
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