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न नेमप्लेट से फर्क पड़ता न हिंदू-मुस्लिम से...कावंड़ लेने निकले कन्हैया-असलम का इंटरव्यू वायरल

Kanhaiya Aslam Video Viral: कांवड़ लेने निकले 2 दोस्तों कन्हैया और असलम का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। दोनों हिंदू-मुसलमान हैं और अच्छे दोस्त हैं। दोनों से जब नेमप्लेट के मुद्दे को लेकर बात की गई तो उनका जवाब चौंकाने वाला रहा।
02:59 PM Jul 22, 2024 IST | Khushbu Goyal
न नेमप्लेट से फर्क पड़ता न हिंदू मुस्लिम से   कावंड़ लेने निकले कन्हैया असलम का इंटरव्यू वायरल
Kanwar Yatri Kanhaiya Aslam

Kanwar Yatri Kanhaiya Aslam Video Viral: सावन का महीना शुरू हो गया है और कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है। हजारों की संख्या में नौजवान कांवड़ निकल गए हैं। हजारों कांवड़ियों रास्ते में हैं, जो बाबा भोले की भक्ति में मस्त होकर झूमते हुए हरिद्वार जा रहे हैं। दिल्ली से हरिद्वार तक जगह-जगह हाईवे पर ट्रैफिक डायवर्ट है। लोगों ने कांवड़ियों के रुकने के लिए इंतजाम किए हुए हैं। होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट और दुकानों में भी कांवड़ियों के खाने-पीने और रहने के प्रबंध किए गए हैं।

हालांकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जारी किए गए नेमप्लेन के फरमान पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी, जिसका पूरे देश में विरोध हो रहा था, लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं कि नेमप्लेट विवाद ने हिंदुओं-मुस्लिमों की आस्था को ठेस पहुंचाई है, जबकि लोगों के मन में किसी तरह का धार्मिक भेदभाव नहीं है। इसका जीता जागता उदाहरण यह वीडियो है, जिसमें 2 दोस्त असलम और कन्हैया हैं, जो मिलकर कांवड़ लेने जा रहे हैं। उनसे जब नेमप्लेट विवाद पर एक शख्स ने बात की तो उनके जवाब ने सभी की बोलती बंद कर दी। सुनिए उन्होंने क्या कहा...

दोनों दोस्तों ने यह बात कहकर दिल छू लिया

असलम और कन्हैया अपने दोस्तों के साथ कांवड़ लेने निकले। कन्हैया ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमारे दिल में धर्म और जात पात कोई भेद नहीं है। जहां शरण मिल जाती है, वहीं रुक जाते हैं। वहीं खा लेते हैं, नहा लेते हैं। सलीम का ढाबा है, कृष्ण का होटल है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सभी हमारे भाई हैं और सभी सपोर्ट करते हैं। हर साल कांवड़ लेने जाते हैं और कई लोग रास्ते में दोस्त बन जाते हैं। मुस्लिम भी हमारे भाई हैं।

कन्हैया ने कहा कि ये देखो, मेरा दोस्त मुस्लमान है। इसका नाम असलम है और हम दोनों कॉलेज से दोस्त हैं। हर साल कांवड़ लेने साथ जाते हैं। इसके और मेरे बीच कोई भेद नहीं है। हमारे परिवार वाले भी कोई भेद नहीं करते। असलम ने कहा कि नाम और पहचान बता देने से कोई छोटा बड़ा या अलग धर्म का नहीं हो जाता। सबसे पहले हम इंसान हैं, जो भगवान की देन हैं। हिंदू मुसलमान, जात पात तो इंसानों के बनाए हुए हैं। भगवान ऐसा भेदभाव नहीं करते।

नेमप्लेट विवाद पर दोनों सरकारों को नोटिस

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा को देखते हुए रूट पर पड़ने वाले होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट और दुकानों के लिए एक फरमान जारी किया। सभी को आदेश दिया कि वे अपने नाम और पहचान वाला बोर्ड लगाएं। योगी सरकार की देखादेखी उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी अपने प्रदेश में फरमान लागू कर दिया, लेकिन आदेश का भयंकर विरोध हुआ। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने भाजपा केा अपने निशाने पर ले लिया।

इस फैसले के कारण भाजपा अपनों के निशाने पर भी आ गई। एक NGO जनहित याचिका दायर करके सुप्रीम कोर्ट से फैसला रद्द करने की मांग की, जिस पर आज सुनाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए नेमप्लेट लगाने के फैसले पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस करके जवाब मांगा है। जस्टिस ऋषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की।

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