संसद में जिसकी स्पीच ने सबको किया था 'स्पीचलैस', बीजेपी ने आखिर उसे क्यों नहीं दिया टिकट?
Lok Sabha Election 2024: बीजेपी ने लद्दाख लोकसभा सीट से ताशी ग्यालसन को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से वर्तमान में पार्टी के ही जामयांग त्सेरिंग नामग्याल सांसद हैं। बीजेपी ने उनका टिकट काटकर ताशी को अपना उम्मीदवार बनाया है। गौरतलब है कि राजनीतिक गलियारों में लद्दाख लोकसभा सीट से जामयांग त्सेरिंग नामग्याल, एलएएचडीसी लेह के मुख्य कार्यकारी पार्षद एडवोकेट ताशी ग्यालसन और चा निर्वाचन क्षेत्र के पार्षद स्टैजिन लाकपा का नाम उम्मीदवारी के लिए अटकलों में चल रहा था। बीजेपी ने आखिर आज सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम पर सस्पेंस खत्म कर दिया और ताशी को अपना प्रत्याशी चुना है। आखिर ऐसी क्या वजह रही जिसकी वजह से बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद जामयांग का टिकट यहां से काट दिया।
BJP announces the candidature of Tashi Gyalson from Ladakh Constituency replacing its current MP Jamyang Tsering Namgyal from this seat.#LokSabhaElections2024 pic.twitter.com/lqd8fkMlbp
— ANI (@ANI) April 23, 2024
संसद में दी थी जबरदस्त स्पीच
बता दें जामयांग त्सेरिंग नामग्याल 2019 में पहली बार लद्दाख से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। वे उस समय सुर्खियों में आए थे जब संसद में उन्होंने अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर जबरदस्त स्पीच दी थी। उनके बोलने के अंदाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह तक को उनका फैन बना दिया था।
When he started this speech, he was an unknown MP, just 34 years old, from one of India’s most remote constituencies. By the time he was done, BJP's Jamyang Tsering Namgyal from Ladakh had become the star speaker of India’s Parliament. Here’s what he said. pic.twitter.com/lpbncrjjN7
— Sandy 🇮🇳(Sundeep) (@ssingapuri) August 29, 2021
यह भी जानें
जानकारी के अनुसार लद्दाख लोकसभा क्षेत्र का एरिया करगिल से लेह जिले तक फैला है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार इस सीट पर कुल करीब 3 लाख से ज्यादा वोटर हैं। गौरतलब है कि लद्दाख लोकसभा सीट पर नामांकन करने की अंतिम तारीख 3 मई को है। 6 मई तक प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। इस सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण के तहत 20 मई को मतदान होगा और 4 जून को यहां मतगणना है।
जामयांग का क्यों कटा टिकट?
जानकारी के अनुसार जामयांग ने लंबे वक्त तक लद्दाख को केंद्र शासित राज्य बनाने के लिए काम किया। वे छात्र राजनीति से संसद तक पहुंचे थे। लेकिन ताशी ग्यालसन का अनुभव उन पर भारी पड़ा। ताशी स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के अध्यक्ष है। ताशी ग्यालसन की बीजेपी के दिग्गज नेताओं में गिनती होती है और वे लंबे समय से लेह और लद्दाख में पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं।