RSS का सदस्य होना अपराध है क्या? मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐसा क्या कहा कि सभापति जगदीप धनखड़ हो गए नाराज
Mallikarjun Kharge Rajaya Sabha Speech: राज्यसभा में अभिभाषण पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी और पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उनके एक बयान पर हंगामा बरप गया। खड़गे ने कहा कि आरएसएस एक मनुवादी संस्था है। इसकी विचारधारा देश के लिए खतरनाक है। आज देश की संस्थाओं पर आरएसएस का कब्जा हो रहा है। खड़गे यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि संघ ने महात्मा गांधी की हत्या करवाई थी। उन्होंने कहा कि गोडसे को महात्मा गांधी की हत्या के लिए उकसाया गया था। उनके इस बयान के बाद सभापति नाराज हो गए।
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ नेता प्रतिपक्ष के इस बयान पर नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि आरएसएस का सदस्य होना गुनाह है क्या? इस देश के विकास में आरएसएस का बहुत बड़ा योगदान है। इसके बाद सत्ता पक्ष ने भी उनके बयान पर जमकर विरोध किया। राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि उनका बयान गैर जिम्मेदाराना है। नड्डा ने आगे कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे को तथ्यों के बारे में जानकारी नहीं है। उनका ये बयान निंदनीय और तथ्यों से परे है।
पिछले 10 साल में देश की शिक्षा प्रणाली पर RSS के लोगों ने कब्जा कर लिया है।
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, प्रोफ़ेसर, NCERT, CBSE सबमें RSS का कब्जा है और अच्छे विचार वालों के लिए वहां कोई जगह नहीं है।
RSS की विचारधारा देश के लिए खतरनाक है। ये महिलाओं और दलितों को शिक्षा नहीं देना… pic.twitter.com/EMxAXTEi6U
— Congress (@INCIndia) July 1, 2024
नड्डा की मांग पर रिकाॅर्ड से हटाया राष्ट्रपति का अभिभाषण
बता दें कि नड्ड के बयान के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने उनके बयान को रिकाॅर्ड से हटाने का आदेश दिया। इसके बाद राज्यसभा सचिवालय ने उनके बयान को रिकाॅर्ड से हटा दिया। बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे आज पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर बरसे। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस साल राष्ट्रपति जी का पहला अभिभाषण 31 जनवरी को हुआ था और दूसरा अभिभाषण 27 जून को हुआ। पहला अभिभाषण चुनावी था और दूसरा भी वैसा ही है। इसमें कहीं पर भी दिशा और विजन नहीं है।
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मोदी सरकार विफलताओं को छुपाने में माहिर
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने में माहिर है। यह सदी भारत की है। इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता। लेकिन 10 साल तक इस पर सिर्फ बातें हुई है। इसका जमीन पर अमल नहीं हुआ। इस बार चुनाव 2019 की तुलना में काफी कम हुआ। ग्रामीण मतदाताओं ने अधिक उत्साह के साथ भाग लिया इसलिए मैं उनको धन्यवाद देता हूं।
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