तिरुपति लड्डू विवाद से पहले सबरीमाला में हुआ था 'हलाल गुड़' पर बवाल! पढ़िए क्या था पूरा मामला?
Sabarimala Halal Jaggery Row: आंध्र प्रदेश में तिरुमला मंदिर के तिरुपति लड्डू प्रसादम में जानवर की चर्बी होने का दावा किया गया। दावे में कहा गया कि प्रसाद के लड्डू बनाने में जिस घी का इस्तेमाल होता है उसमें जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा ही विवाद आज से करीब 3 साल पहले भी हुआ था, जब सबरीमाला मंदिर में जिस गुड़ का इस्तेमाल किया जाता था उसकी पैकेजिंग पर हलाल का टैग लगा था।
गुड़ की पैकेजिंग पर हलाल का पूरा मामला
3 साल पहले केरल के सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा स्वामी मंदिर काफी चर्चा में रहा था। हिंदू संगठनों के एक ग्रुप ने केरल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें इल्जाम लगाया गया प्रसिद्ध मंदिर में तीर्थयात्रियों के लिए जो प्रसाद बनाया जाता है उसमें 'हलाल' गुड़ का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बाद ये मामला बढ़ता गया। जानकारी के मुताबिक, सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) ने हलाल लिखे जाने का कारण बताया। कोर्ट में कहा गया कि गुड़ की पैकेजिंग पर हलाल इसलिए लिखा था क्योंकि जो कंपनी इसको बनाती है इसका गुड़ अरब देशों में भी जाता है।
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आपको बता दें कि केरल के पथानामथिट्टा जिले के सबरीमाला में भक्तों को दो तरीके का प्रसाद दिया जाता है। जिसमें एक 'अप्पम' और दूसरा 'अरवाना' है। अप्पम की बात करें तो ये चावल और गुड़ से बना एक मीठा प्रसाद है। वहीं, अरवाना एक तरह का गाढ़ा चावल का पायसम है, इसमें भी गुड़ मिलाया जाता है। ये मामला पिछले 3 साल से केरल हाई कोर्ट में लंबित है।
तिरुपति मंदिर लड्डू मामला
आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलाई जा रही थी। इस दावे के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4 कंपनियों के घी सैंपल लिए। जिसमें से एक कंपनी का घी क्वालिटी टेस्ट फेल हो गया, इससे साप हो गया कि उसमें मिलावट की गई है। इसके बाद ही सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसके बाद से आंध्र प्रदेश ने प्रसाद की निगरानी के लिए कई बड़े कदम उठाए।
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