क्या है ब्लड मनी? जिससे बच सकती है यमन की जेल में बंद निमिषा की जान
World News in Hindi: केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में एक शख्स की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई है। यमन के सुप्रीम कोर्ट ने निमिषा की अर्जी खारिज कर दी थी। अब निमिषा की जान क्षमा दान पर टिकी है। इस बीच नर्स के परिवार ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उसको बचाने की गुहार लगाई है। मिडिल ईस्ट के मुस्लिम देश में बंद निमिषा का मामला अब दुनियाभर में चर्चित है। निमिषा 2017 से हत्या के मामले में जेल में बंद है। उसके ऊपर यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या करने का आरोप है। जिसके बाद मौत की सजा न्यायालय ने सुनाई थी।
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अब ब्लड मनी के जरिए समझौते की संभावनाओं पर चर्चा होने लगी है। ब्लड मनी क्या है और सजा से कैसे बचा जा सकता है? इसके बारे में आगे विस्तार से चर्चा करते हैं। यमन समेत कई अरब देशों में ब्लड मनी की व्यवस्था है। जिसके तहत हर्जाने की रकम मृतक की फैमिली को दी जाती है। इसके बाद परिवार दोषी को माफ कर देता है और उसकी रिहाई हो जाती है। सूत्रों के अनुसार महदी के परिवार ने निमिषा के परिजनों ने 5 करोड़ यमनी रियाल (लगभग 1.52 करोड़ रुपये) की मांग की है। अगर यह राशि पीड़ित परिवार को मिली तो निमिषा की मौत की सजा रद्द हो जाएगी।
2008 में गई थी यमन
निमिषा प्रिया के परिवार के वकील के अनुसार शरिया कानून के तहत पीड़ित परिवार अगर दोषी को माफ कर देता है तो उसे निर्दोष करार दिया जाता है। हालांकि फिलहाल यमन में गृहयुद्ध के हालात हैं। वहां भारतीयों के जाने पर बैन लगा है। जिसके कारण ब्लड मनी की प्रक्रिया आसान नहीं है। अगर मामले में केंद्र सरकार कुछ मदद करती है तो ही कुछ उम्मीद की जा सकती है।
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हालांकि कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार ने यमन में कुछ एक्शन लिया है। निमिषा 2008 में केरल से यमन गई थी। जो राजधानी सना के सरकारी अस्पताल में काम करती थी। उसने 2011 में टॉमी थॉमस के साथ स्वेदश लौटकर विवाह रचाया था। जिसके बाद वापस लौट गई। 2014 में उसे लौटना था। लेकिन गृहयुद्ध की वजह से फंस गई। बाद में निमिषा पर हत्या के आरोप लगे थे। कोर्ट से उसे मौत की सजा मिली है।