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डीजे ने कैसे ले ली 13 साल के मासूम की जान? समर की मां ने मांगा इंसाफ, मानवाधिकार आयोग ने लिया एक्शन

Boy Dies Due To DJ Sound: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आाई है। जहां डीजे की तेज आवाज के कारण 13 साल के मासूम की मौत हो गई। अब उसकी मां इंसाफ की गुहार लगा रही है।
05:47 PM Oct 18, 2024 IST | Pushpendra Sharma
डीजे की आवाज से 13 साल के मासूम की मौत।
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Boy Dies Due To DJ Sound: डीजे ने एक मासूम की जान ले ली। दर्दनाक मौत का ये मामला मध्य प्रदेश के भोपाल से सामने आया। जहां 13 साल के एक बच्चे की डीजे साउंड की वजह से मौत हो गई। हुआ यूं कि नवरात्रि पर्व के दौरान प्रतिमा विसर्जन चल रहा था। जब एक जुलूस मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के साईं बाबा नगर से गुजरा तो यहां बड़े-बड़े वाहनों में डीजे बजाया जाने लगा। नाचते-झूमते लोगों के बीच 13 साल का मासूम समर बिल्लौरे भी था।

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अस्पताल में हुई मौत 

उसने अपनी मां से कहा था कि वह जुलूस देखने जा रहा है। जैसे ही जुलूस में डीजे ने तेज आवाज में गाने बजाने शुरू किए तो समर को दिक्कत होने लगी। धीरे-धीरे आवाज और बढ़ी तो वह बेहोश हो गया। उसे देख अफरातफरी मच गई। तुरंत परिवारवाले आए और उन्होंने डीजे से आवाज कम करने को कहा, लेकिन वह नहीं माना। समर को इसके बाद नर्मदा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि समर की मौत हो चुकी है। यह सुनकर समर की मां के होश उड़ गए। अब समर की मां इंसाफ की गुहार लगा रही है। वह चाहती है कि जान लेने वाले डीजे पर कार्रवाई हो और बेटे को इंसाफ मिले।

मानवाधिकार आयोग का एक्शन 

अब इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने एक्शन लिया है। आयोग ने भोपाल पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया है। जिसमें डीजे संचालक की पहचान कर कार्रवाई पर जवाब मांगा गया है।

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एमपी में सरकार बनते ही तय हुई थी लिमिट 

मध्य प्रदेश में ये हाल तब है जब नई सरकार ने आते ही डीजे की लिमिट तय कर दी थी। मोहन सरकार ने इसे 95 डेसिबल तक तय किया था, लेकिन इसके बावजूद डीजे बेलगाम होते जा रहे हैं। इस घटना के बाद भोपाल पुलिस की ओर से 100 से ज्यादा डीजे मालिकों पर एफआईआर की गई है। साथ ही 30 डीजे जब्त किए जा चुके हैं।

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डब्ल्यूएचओ ने तय किए ये मानक 

वहीं डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, 65 डेसिबल से ज्यादा साउंड से ध्वनि प्रदूषण हो सकता है। 75 डेसिबल से हानिकारक और 120 डेसिबल से ज्यादा होने पर जानलेवा हो सकता है। तेज आवाज सुनने से ब्रेन हैमरेज, बहरापन और हार्ट अटैक आ सकता है।

यहां कर सकते हैं शिकायत 

मध्य प्रदेश सरकार ने सभी जगह के लिए ध्वनि सीमा तय की है। औद्योगिक क्षेत्र में दिन में 75 डेसिबल, रात में 70 डेसिबल ध्वनि सीमा तय की गई है। इसके साथ ही वाणिज्यिक क्षेत्रों में दिन में 65 और रात में 55 डेसिबल ध्वनि सीमा को तय किया गया है। रिहायशी इलाकों में दिन में 55 और रात में 45 डेसिबल तक किया गया है। शांत क्षेत्र में दिन में 50 और रात में 40 डेसिबल से ज्यादा आवाज नहीं होनी चाहिए। किसी भी समस्या के लिए हेल्पलाइन नंबर 07552730395 पर संपर्क किया जा सकता है।

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