'सत्ता के दलालों को'...CM के सामने अपनी ही सरकार को क्यों घेर गए रघुनंदन शर्मा?
Former MP Raghunandan Sharma: (विपिन श्रीवास्तव, भोपाल) मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नीर नवजीवन परियोजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। इस दौरान बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सदस्य रघुनंदन शर्मा ने अपने ही संगठन और सरकार पर तीखा प्रहार किया। शर्मा ने सीएम डॉ. मोहन यादव के सामने भरे मंच से कहा कि जैसे ये छोटी सी झील के शुद्धिकरण का अभियान चलाया जा रहा है। ठीक उसी प्रकार आपको मध्य प्रदेश के शासन और प्रशासन में भी शुद्धिकरण का अभियान चलाना है। वहां भी बहुत गंदगी है, जो नजर नहीं आती है। वो भी पानी के नीचे छिपी गंदगी है, मैं प्रार्थना करता हूं कि आप उस गंदगी को दूर करेंगे।
इसके बाद शर्मा से मीडिया ने भी सवाल किए। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने मेरी घेराबंदी क्यों की है? मैं बचना चाहता था। क्योंकि ये लोहे से भी ज्यादा कठोर टीम है, इससे मैं घबराता हूं। मैंने नसीहत नहीं दी, बल्कि मुख्यमंत्री से प्रार्थना की है कि काफी समय से मध्य प्रदेश शासन में ऐसे लोग हैं, जो अपने स्वार्थ के कारण मनचाही जगह बैठे हैं। अपने घर भर रहे हैं, अपनी सेवा करवा रहे हैं। ऐसे सभी लोगों को परखकर अशुद्ध तत्वों को बाहर करने की आवश्यकता है। कई बाहरी लोग भी सत्ता में दलालों, बिचौलियों के रूप में बैठ जाते हैं। ऐसे लोगों को दूर करने की जरूरत है। राजनीति के माध्यम से ऐसे तत्व बहुत सक्रिय हुए हैं, उन्हें पनाह मिली हुई है। वो गंदगी नजर नहीं आती है। वह तल के नीचे छिपी हुई गंदगी है। उस गंदगी को आप तेज इच्छाशक्ति और तेज प्रबल बल के कारण खत्म कर पाएंगे, ऐसा मुझे विश्वास है।
कांग्रेस ने ली चुटकी, जयवर्धन सिंह ने किया समर्थन
रघुनंदन शर्मा की टिप्पणियों पर कांग्रेस ने भी चुटकी ली है। दिग्विजय सिंह के बेटे पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने रघुनंदन शर्मा की अपील का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि रघुनंदन शर्मा ने जो कहा है, वह बिल्कुल ठीक है। राजनीति में इतना भ्रष्टाचार पनप चुका है कि कुछकहा नहीं जा सकता। फिर चाहे व्यापमं घोटाला हो, नर्सिंग कॉलेज घोटाला हो, पटवारी शिक्षा भर्ती परीक्षा जैसे मामले हों। उन्होंने कहा कि हमने नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच के लिए विधानसभा में मांग रखी थी, मगर उस पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई। सरकारी डिपार्टमेंट में सीबीआई जैसी बड़ी एजेंसी के अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त पाए जा रहे हैं। जब तक भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ नकेल नहीं कसी जाएगी, तब तक राजनीति हो या सरकारी डिपार्टमेंट, इनमें स्वच्छता नहीं आएगी।