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हिंदू लड़की और मुस्लिम लड़के की शादी पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

High Court on Inter Religious Marriage: जबलपुर हाईकोर्ट ने अंतरधार्मिक विवाह को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि विशेष विवाह एक्ट के तहत इस प्रकार के विवाह को वैध नहीं ठहराया जा सकता है। वहीं मुस्लिम लाॅ भी इसके खिलाफ है।
05:43 PM May 30, 2024 IST | Rakesh Choudhary
अंतरधार्मिक विवाह को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
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High Court on Inter Religious Marriage: एमपी के जबलपुर हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के अनुसार एक मुस्लिम पुरुष और हिंदू लड़की के बीच का विवाह वैध नहीं हो सकता। जबलपुर हाईकोर्ट ने स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत विवाह किए नव विवाहित जोड़े को पुलिस सुरक्षा देने वाली मांग की याचिका को खारिज कर दिया।

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न्यायाधीश गुरपाल सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मुस्लिम पुरुष और हिंदू महिला के बीच विवाह को मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के तहत अवैध माना जाएगा। भले ही वर-वधू का विवाह विशेष विवाह एक्ट के तहत हुआ हो। हाईकोर्ट ने यह फैसला 27 मई को दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लाॅ कानून के अनुसार किसी मुस्लिम लड़के का हिंदू लड़की से विवाह वैध नहीं हो सकता है। भले ही विवाह विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत हुआ हो। यह एक अनियमित विवाह होगा।

दोनों अपना धर्म नहीं बदलना चाहते हैं

कोर्ट ने यह टिप्पणी एक मुस्लिम पुरुष और हिंदू महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए की। जबकि महिला का परिवार अंतरधार्मिक विवाह के विरोध में था और उन्हें आशंका थी कि अगर शादी आगे बढ़ती है तो समाज उन्हें त्याग सकता है। इतना ही नहीं परिवार ने दावा किया कि युवती शादी से पहले घर से आभूषण ले गई थी। उनके वकील ने बताया कि कपल विशेष विवाह एक्ट के तहत विवाह करना चाहता था लेकिन महिला विवाह के लिए दूसरा धर्म नहीं अपनाना चाहती थी। वहीं पुरुष भी अपना धर्म नहीं बदलना चाहता था।

अदालत ने कहा कि विशेष विवाह अधिनियम की धारा 4 में प्रावधान है कि यदि पक्षकार निषिद्ध रिश्ते में नहीं है तभी विवाह किया जा सकता है। इसके बाद ही कोर्ट ने दंपति की इस दलील को खारिज कर दिया कि वे न तो अपना धर्म बदलेंगे और ना ही लिव इन रिलेशनशिप में रहेंगे।

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