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मध्य प्रदेश के 7 शिक्षकों को मिला नेशनल टीचर अवार्ड, जानिए क्यों मिला इन्हें सम्मान

National Teachers Awards 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिक्षक दिवस पर दिल्ली के विज्ञान भवन में मध्यप्रदेश के सात शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 से सम्मानित किया है। मध्यप्रदेश के इन 7 शिक्षकों ने अपने स्कूल में सबसे अलग हटकर काम किया है।
03:50 PM Sep 06, 2024 IST | Deepti Sharma
मध्य प्रदेश के 7 शिक्षकों को मिला नेशनल टीचर अवार्ड  जानिए क्यों मिला इन्हें सम्मान
National Teachers Awards 2024

National Teachers Awards 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में मध्य प्रदेश के सात शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 से सम्मानित किया। इन शिक्षकों को शिक्षा क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान और नवाचारों के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित शिक्षकों में शिक्षा विभाग के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से सुनीता गोधा, माधव प्रसाद पटेल, सुनीता गुप्ता तथा उच्च शिक्षा विभाग से प्रो. नीलाभ तिवारी और प्रो. कपिल आहूजा शामिल थे। वहीं, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभााग से प्रेमलता राहंगडाले और प्रशांत दीक्षित को भी सम्मानित किया गया। समारोह में सम्मानित शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, 50,000 रुपए का नकद पुरस्कार और एक रजत पदक प्रदान किया गया।

सम्मानित शिक्षक और उनके योगदान

दमोह के माधवप्रसाद पटेल 

दमोह जिले के लिधौरा शासकीय नवीन माध्यमिक शाला के शिक्षक माधव प्रसाद पटेल विज्ञान के शिक्षक हैं। इन्होंने अपने स्कूल में साइंस वॉल बनाई है, जहां छात्र अपनी जिज्ञासाएं प्रदर्शित कर सकते हैं। ग्रामीण समुदायों में पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए इन्होंने मोटरसाइकिल पर किताबें रखकर एक मोबाइल लाइब्रेरी ही शुरू कर दी। लर्निंग बोर्ड और खेत पाठशाला के माध्यम से इन्होंने शिक्षा को कक्षा से बाहर तक पहुंचाया दिया। अब इनके चर्चे देशभर में हो रहे हैं।

मंदसौर की सुनीता गोधा 

मंदसौर जिले के खजुरिया सारंग के शासकीय हाई स्कूल की सुनीता गोधा अपने स्कूल में अलग नजरिए के लिए जानी जाती हैं। सुनीता गोधा ने अपने स्कूल में न केवल पाजिटिव वातावरण तैयार किया। वहीं, असाइनमेंट और एक्टिविटीज के माध्यम से कक्षा का वातावरण मनोहर बना दिया। साथ ही विशेष जरूरत वाले और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों का नामांकन बढ़ाने का सराहनीय प्रयास किया है।

डिंडोरी की सुनीता गुप्ता

डिंडौरी की सुनीता गुप्ता जवाहर नवोदय विद्यालय में गणित की शिक्षिका हैं। सुनीता गुप्ता ने एनीमेटेड वीडियो और तकनीक की मदद से कम लागत वाली शिक्षण सामग्रियां तैयार कर गणित को आसान बना दिया। दीक्षा और स्वयं जैसे पोर्टल्स के लिए इन्होंने ई-कंटेंट और सॉलिड शेप्स को बेहतर रूप से समझाने के लिए ऐसी वीडियो स्क्रिप्ट्स तैयार की, जिस कारण अब बच्चे इनका कोई भी वीडियो मिस नहीं करते हैं।

भोपाल के प्रो. नीलाभ तिवारी

राष्ट्रीय संस्कृत संस्था भोपाल में शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. नीलाभ तिवारी पिछले 18 सालों से शिक्षण कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी उनका विशेष योगदान रहा है। तिवारी ने 34 पुस्तकों का सम्पादन और 37 शोध पत्रों का लेखन किया है। इन्होंने संस्कृत अध्ययन और शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा की मनोवैज्ञानिकता और पाठ्यक्रम विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इंदौर के कपिल आहूजा

आईआईटी इंदौर के प्रो. कपिल आहूजा के पास अमेरिका में 14 वर्षों से शैक्षणिक कार्यों का अनुभव है। कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में शोध और अनुसंधान के साथ-साथ उन्होंने आईआईटी में पहला MS पाठ्यक्रम शुरू कर शिक्षा को नए आयाम दिए है। इन्हें आईआईटी इंदौर द्वारा 4 बार सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार भी दिया जा चुका है।

भोपाल की प्रेमलता रहंगडाले

भोपाल के डिविजनल औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (Industrial Training Institute) की प्रशिक्षण अधिकारी प्रेमलता रहंगडाले को दृष्टिबाधित छात्रों (Visually Impaired) को कम्प्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिसटेन्ट ट्रेड में कौशल प्रशिक्षण दिया है। इनके प्रभावी मार्गदर्शन से कई आईटीआई छात्रों ने रेलवे, बैंक जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अपना करियर बनाया है। इसी संस्था के मैकेनिक डीजल ट्रेड के प्रशिक्षण अधिकारी प्रशांत दीक्षित ने मैकेनिक डीजल ट्रेड के लिए ई-कन्टेंट विकसित कर छात्रों की राह को सुगम बनाया है। संस्था में ऑटोमोटिव लैब विकसित करने में इन्होंने अपना अमूल्य योगदान दिया है।

भोपाल के प्रशांत दीक्षित 

भोपाल में सरकारी डिविजनल औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) में ट्रेड मैकेनिक डीजल के एक अनुभवी प्रशिक्षण अधिकारी प्रशांत दीक्षित ने प्रभावी प्रशिक्षण विधियां विकसित की जो ट्रेनर और ट्रेनी दोनों को लाभान्वित करती हैं। इसके साथ ही छात्रों को उद्यमशीलता प्रयासों के लिए प्रेरित करती हैं। ई-सामग्री विकास में अग्रणी, दीक्षित ने कोविड महामारी के दौरान शैक्षिक वीडियो की एक श्रृंखला बनाई, जिससे देश भर में लाखों छात्रों को लाभ हुआ और अब वे डीजीटी के भारत कौशल पोर्टल पर प्रदर्शित हैं।

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