MP Regional Industrial Conclave: ग्वालियर में जुटेंगे देश-विदेश के निवेशक, मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे शुभारंभ
Regional Industry Conclave: देश के दिल मप्र के ग्वालियर-चंबल अंचल में नए निवेश और रोजगार का नया इतिहास गढ़ने के उदेश्य से रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन बुधवार को किया जा रहा है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में सुबह 10: 20 बजे कान्क्लेव का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव करेंगे। कान्क्लेव में ग्वालियर-चंबल अंचल में 10 इकाइयों की ओर से 2570 करोड़ का पूंजी निवेश और 4550 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने में रुचि दिखाई गई है। ग्वालियर-चंबल अंचल में 10 इकाइयों की ओर से 2570 करोड़ का पूंजी निवेश और 4550 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने में रुचि दिखाई गई है।
इसके अलावा क्षेत्र की स्थापित पांच इकाइयों द्वारा विस्तार कर दो हजार करोड़ से ज्यादा का पूंजी निवेश किया जा रहा है, जिसमें 3968 लोगों का रोजगार प्रस्तावित है। 22 इकाइयों का वर्चुअली भूमिपूजन होगा। पांच देश कनाडा, नीदरलैंड, मेक्सिको, घाना, जाम्बिया से ट्रेड कमिश्नर भी आएंगे। अदाणी परिवार सहित गोदरेज, मोंडलेज सहित बड़े उद्यमी ग्रुप इस कान्क्लेव में शामिल होंगे। अंचल में डिफेंस सेक्टर को लेकर भी बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं।
कान्क्लेव में मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रभारी मंत्री ग्वालियर तुलसीराम सिलावट, एमएसएमई मंत्री चैतन्य कश्यप, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, सांसद भारत सिंह कुशवाह सहित 14 से ज्यादा मंत्री शामिल रहेंगे।
दुनियाभर के 100 देशों में भेजा जाता है यह पत्थर
ग्वालियर स्थित स्टोन पार्क में लगभग 50 इकाइयों के द्वारा हर साल तकरीबन 68 हजार टन पत्थर दुनियाभर के 100 देशों में भेजा जाता है। लगभग हर साल 68 हजार टन सेंड स्टोन दुनिया में सौ से भी अधिक देशों में निर्यात किया जाता है। सेंड स्टोन का लगभग 800 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार है।
इस पत्थर में बेहद कम होती है फिसलन
यह पत्थर न सिर्फ देखने में बेहद आकर्षक है, बल्कि यह विशेष भी है कि यह पत्थर सर्दियों में न तो अधिक ठंडा होता है और न ही गर्मियों में अधिक गर्म। दुनिया में बहुत ही कम स्थान हैं जहां इस तरह का पत्थर पाया जाता है। सबसे बड़ी बात इस पत्थर में फिसलन बेहद कम होती है, जिसके चलते इसका प्रयोग अधिकांश सीढयों व विदेशों में बन रहे स्विमिंग पूल में किया जाता है। वर्तमान में लोग इसका प्रयोग अपने फार्म हाउस या घर के गार्डन में बने वाकिंग एरिया के लिए भी कर रहे हैं। इसके अलावा छत के तापमान को सामान्य रखने के लिए भी इस पत्थर को लगाया जा रहा है।
विकसित मध्यप्रदेश के संकल्प को बल देने के लिए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, ग्वालियर में पधारने वाले सभी निवेशकों व उद्योगपतियों का हार्दिक स्वागत है।#RICGwalior#InvestMP2024 pic.twitter.com/BCTinHT6Cj
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 28, 2024
यूनेस्को की सिटी ऑफ म्यूजिक में शामिल है ग्वालियर
ग्वालियर संगीत के क्षेत्र में भी विशेष स्थान रखता है। यहां पर तानसेन और बैजू बावरा सहित कई मशहूर गायक हुए हैं। ग्वालियर का तानसेन समारोह विश्व प्रसिद्ध है। ग्वालियर घराना, ध्रुपद यहां के विशेष शास्त्रीय गायन हैं। यूनेस्को द्वारा ग्वालियर को सिटी ऑफ म्यूजिक की मान्यता दी गई है, जिससे संगीत के क्षेत्र में ग्वालियर ने विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। ग्वालियर में विश्व स्तरीय स्टेडियम एवं खेल संस्थान हैं. यहां विश्व स्तरीय मैच में कई विश्वस्तरीय कीर्तिमान बने हैं। कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम ग्वालियर में एक क्रिकेट मैदान है। इसमें एक बार में 45 हजार दर्शक बैठ सकते हैं। इस मैदान में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच ऐतिहासिक एक दिवसीय मैच खेला गया था, जिसमें सचिन तेंदुलकर ने एकदिवसीय क्रिकेट में पहला दोहरा शतक बनाया था।
शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय
एशिया का सबसे बड़ा शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय ग्वालियर में लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना केन्द्र सरकार के शिक्षा एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा अगस्त 1957 में स्वतंत्रता संग्राम के शताब्दी वर्ष पर लक्ष्मीबाई शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय के रूप में की गई थी। यह एशिया का सबसे बड़ा शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय है।
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