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घर की छत पर लगवाएं सोलर प्लांट, मोहन सरकार देगी 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी

Roof Top Solar Net Meter Scheme In Madhya Pradesh: मध्‍य प्रदेश में अब सोलर ऊर्जा के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है। सरकार के कुछ आंकड़े इस बात का इशारा करते हैं। इंदौर के बाद अब अन्‍य शहरों में भी इनके ग्राहकों की संख्‍या बढ़ गई है।
05:26 PM Jul 29, 2024 IST | Deepti Sharma
घर की छत पर लगवाएं सोलर प्लांट  मोहन सरकार देगी 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी
solar energy in indore

Roof Top Solar Net Meter Scheme In Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश के बिजली के क्षेत्र में विकास और विस्तार का काम तेजी चल रहा है। सरकार आम लोगों के जीवन में खुशहाली बढ़ाने और आर्थिक जीवन को समृद्ध बनाने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है। इसी के तहत सौर ऊर्जा की ओर पश्चिम मप्र में आम लोगों, मौजूदा बिजली उपभोक्ताओं की रूचि में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।

रूफ टॉप सोलर नेट मीटर योजना के तहत अब तक मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (MP West Zone Electricity Distribution Company) के कार्यक्षेत्र मालवा निमाड़ अंचल में 15580 उपभोक्ता जुड़े हैं। सभी 15580 स्थानों के उपभोक्ताओं को बिजली बिल में काफी रियायत मिल रही हैं, लोगों के बढ़ती रुचि के कारण हरियाली संरक्षण एवं प्रदूषण से मुक्ति की भावना का भी संचार हो रहा हैं।

रूफ टॉप सोलर मीटर की बढ़ी मांग 

मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के प्रारंभ के बाद रूफ टॉप सोलर मीटर लगवाने वालों की संख्या में तुलनात्मक तेजी आई हैं। इंदौर महानगर के साथ ही उज्जैन, देवास, रतलाम जैसे बड़े शहरों में सौर ऊर्जा के प्रति रूझान में सतत बढ़ोतरी देखी गई है। इसी कारण फरवरी से जुलाई माह के दूसरे सप्ताह तक करीब सवा चार हजार उपभोक्ता इस योजना से जुड़े हैं। इन सभी के घर, परिसर, छतों पर पैनल्स लग चुकी है, इनसे उत्पादित ऊर्जा की विधिवत रीडिंग, बिलिंग भी जारी है।

मैनेजिंग डायरेक्टर तोमर ने बताया कि लो प्रेशर रेंज के करीब 15100 और हाई प्रेशर रेंज के 480 इस तरह कुल 15580 हजार उपभोक्ता अपने परिसरों से पैनल्स के माध्यम से बिजली तैयार कर रहे है। तोमर ने बताया कि तीन किलो वॉट तक के संयंत्र पर 78 हजार रुपए की सब्सिडी भी केंद्र शासन की ओर से सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में प्राप्त हो रही है।

उन्होंने ने बताया कि सौर ऊर्जा उत्पादन से पर्यावरण संरक्षण की भावना को बढ़ावा मिल रहा है, क्योंकि सौर ऊर्जा उत्पादन में न तो कोयला लगता है, न ही पानी की जरूरत होती है। साथ ही यह ऊर्जा प्रदूषण रहित ऊर्जा होती हैं।

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