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महाकाल मंदिर जाने से पहले पढ़ लें यह खबर, नियमों में हुए बदलाव; भस्‍म आरती के लिए करना होगा ये काम

Mahakal Temple Entry Rules: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में एंट्री के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। भस्म आरती दर्शन व्यवस्था में भी बदलाव किए गए हैं। श्रद्धालुओं को एंट्री के लिए अब खास तरह का बैंड पहनना होगा। विस्तार से नए नियमों के बारे में जानते हैं।
07:31 PM Oct 26, 2024 IST | Parmod chaudhary
महाकाल मंदिर जाने से पहले पढ़ लें यह खबर  नियमों में हुए बदलाव  भस्‍म आरती के लिए करना होगा ये काम

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खास खबर है। महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में बिना अनुमति नेताओं के पूजा-पाठ करने पर सवाल उठे थे। अब महाकाल मंदिर में एंट्री को लेकर बड़े बदलाव किए गए हैं। भस्म आरती दर्शन व्यवस्था के लिए भी नियम बदले गए हैं। रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडी (RFID) बैंड पहनकर ही श्रद्धालु आरती में प्रवेश कर सकेंगे। मंदिर समिति ने नवंबर के पहले सप्ताह से ही नए नियमों को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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वहीं, इसके लिए टेस्टिंग भी शुरू हो चुकी है। महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि आरएफआईडी से भस्म आरती में अनाधिकृत प्रवेश पर रोक तो लगेगी ही, साथ ही ये भी पता लग जाएगा कि कितने भक्तों को आरती में प्रवेश के लिए अनुमति दी गई है? कितने भक्तों ने मंदिर में प्रवेश कर लिया है?

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धाकड़ ने बताया कि इंदौर की एक कंपनी को इस बाबत ठेका दिया गया था। इसके लिए ऐप, कंप्यूटर, स्कैनर आदि अगले हफ्ते तक मंदिर में इंस्टॉल हो जाएंगे। नवंबर माह से भस्म आरती में प्रवेश RFID से मिलेगा। महाकाल मंदिर में इससे पहले सितंबर में भी कुछ नियमों में बदलाव किया गया था। मंदिर परिसर में भक्तों को प्रसाद के लिए लाइनों में न लगना पड़े, इसलिए ATM लगाने का फैसला किया गया था। इस मशीन में रुपये डालने पर प्रसाद मिल जाता है। बता दें कि प्रसाद के लिए यहां पहले 8 काउंटर बनाए गए थे। लेकिन त्योहारों पर भक्तों की आमद के बाद प्रसाद के लिए काफी इंतजार करना पड़ता था।

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पहले भी बदले जा चुके नियम

वहीं, भस्म आरती की टाइमिंग में भी बदलाव किया गया था। आरती के लिए सुबह 4 बजे का टाइम फिक्स किया गया था। गर्भ गृह में महाकाल की पूजा के लिए ड्रेस कोड भी लागू किया गया था। महिलाओं के लिए सिर्फ साड़ी और पुरुषों के लिए धोती-कुर्ते में प्रवेश सुनिश्चित किया गया था। नियमित तौर पर आने वाले भक्तों के लिए बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज करवानी अनिवार्य की गई थी। भक्तों के लिए नियम बनाया गया था कि दिन में सिर्फ एक बार ही वे बाबा महाकाल के दर्शन कर सकते हैं। दर्शनों के लिए अपने साथ परिवार के दूसरे लोगों को नहीं ले जा सकते हैं।

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