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CM मोहन यादव ने बताया किसके पास है प्रधानमंत्री के खिलाफ फैसला करने का जज्बा

MP CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा कि सिर्फ भारतीय न्यायपालिका में ही वो जज्बा है, जो कार्यरत प्रधानमंत्री के खिलाफ फैसला करें।
08:44 AM Dec 19, 2024 IST | Pooja Mishra
cm मोहन यादव ने बताया किसके पास है प्रधानमंत्री के खिलाफ फैसला करने का जज्बा

MP CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बीते दिन जबलपुर में महाधिवक्‍ता द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने भारतीय न्यायपालिका की खूबसूरती और देश के लोकतंत्र में इसके अहम योगदान के बारे में बताया। सीएम मोहन यादव ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका ने अपने फैसलों से दुनिया में अपनी एक खास पहचान बनाई है। उन्होंने यहां तक कहा कि भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती न्यायालयों से ही है। इस दौरान सीएम मोहन यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि सिर्फ भारतीय न्यायपालिका में ही वो जज्बा है, जो कार्यरत प्रधानमंत्री के खिलाफ फैसला करें।

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भारतीय न्‍यापालिका ने किए ऐतिहासिक फैसले

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इस दौरान सीएम मोहन यादव ने न्याय करते समय मेरिट के साथ मोरेलिटी को भी ध्यान में रखने की बात कही। उन्होंने आगे कहा कि न्‍यायपालिका भारतीय लोकतंत्र की प्रहरी है। भारत की न्‍याय व्‍यवस्‍था ही देश को दुनिया में एक अलग पहचान देने का काम करती है और देश का गौरव बढ़ाती है। भारतीय न्‍यापालिका ने कई ऐसे ऐतिहासिक फैसले किए है, जो आज के समय में भी लोगों के बीच प्रासंगिकता बनाए हुए हैं। यहीं भारत के लोकतंत्र की असली खूबसूरती है। सीएम मोहन यादव ने आगे कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्‍यायपालिका ये तीनों लोकतंत्र के अहम हिस्‍से हैं। देश में जहां कार्यपालिका कानून निर्माण का काम करती है तो वहीं न्‍यायपालिका द्वारा उसकी व्‍याख्‍या करने का काम किया जाता है।

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यह भी पढ़ें: MP: ‘वन, वनोपज और वन्य-प्राणी प्रदेश की पहचान’, कार्यक्रम में बोले मुख्यमंत्री मोहन यादव

न्‍यायपालिका की विशिष्ट पहचान

सीएम मोहन यादव ने आगे कहा कि हमारी न्‍यायपालिका ने बदलते समय में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए अपनी विशिष्ट पहचान स्थापिक की है। देश की न्‍याय व्‍यवस्था द्वारा ऐसे कई फैसले लिए गए हैं, जिनमें योग्‍यता के साथ-साथ नैतिकता और जीवन मूल्‍यों को तरजीह दी गई है। इस दौरान मुख्‍य न्‍यायाधिपति जस्टिश कैत ने बताया कि जबलपुर में ज्वाइनिंग के पहले उन्होंने दिल्‍ली हाईकोर्ट, तेलंगाना और बाकी के दूसरे हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दी है। हर जगह से उन्हें सम्मान मिला है। लेकिन सबसे ज्यादा सम्मान उन्हें मध्‍य प्रदेश के हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के तौर पर मिला है।

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