whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

छगन भुजबल के NCP छोड़ने के सियासी मायने क्या? अजित पवार को कितना नुकसान

Mahayuti Government: महाराष्ट्र की सरकार में अगर एनसीपी अलग हो जाती है तो सरकार पर कोई आंच नहीं आएगी। लेकिन अगर पार्टी में बगावत हो जाए तो अजित पवार की सियासी सेहत जरूर बिगड़ जाएगी।
01:38 PM Dec 18, 2024 IST | Rakesh Choudhary
छगन भुजबल के ncp छोड़ने के सियासी मायने क्या  अजित पवार को कितना नुकसान
Chhagan Bhujbal

Chhagan Bhujbal leaving NCP: महाराष्ट्र की महायुति सरकार में शामिल एनसीपी अजित पवार की मुश्किलें बढ़ने वाली है। छगन भुजबल खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। वे मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं। इस बीच एमवीए के नेता भी भुजबल को लेकर महायुति सरकार पर निशाना साध रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा मुझे भुजबल के लिए दुख होता है। वे समय-समय पर मेरे संपर्क में बने रहे हैं। कांग्रेस नेता नितिन राउत ने भुजबल को मंत्री नहीं बनाए जाने को अन्याय करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ भी अन्याय के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आपको यह विचार करना चाहिए आप किसके साथ और कैसे रहना चाहते हैं?

Advertisement

भुजबल इस समय अपेन गृह जिले नासिक में हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से चर्चा के बाद आज फैसला लेने की बात कही है। इस दौरान उन्होंने अजित पवार पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा शरद पवार भी हमसे कुछ मामलों पर चर्चा करते थे। शरद पवार से असहमत होने पर चर्चा होती थी। यहां कोई जानकारी साझा नहीं की जाती है। अंतिम समय तक किसी को कोई जानकारी नहीं होती है। पार्टी में अजित पवार, सुनिल तटकरे और प्रफुल्ल पटेल ही सब कुछ निर्णय करते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं अगर भुजबल पाला बदलते हैं तो अजित पवार की सियासी सेहत पर कितना असर पड़ेगा?

1.अगर अजित पवार पाला बदलते हैं तो यह अजित पवार के लिए एक झटके जैसा होगा। एनसीपी के कई बड़े नेता लोकसभा चुनाव के समय अजित पवार का साथ छोड़कर शरद पवार के साथ जा चुके हैं।

Advertisement

ये भी पढ़ेंः लोकसभा में बिल की वोटिंग में गैरहाजिर BJP के 20 सांसद कौन? जिन्हें पार्टी ने भेजा नोटिस

Advertisement

2.भुजबल ओबीसी के बड़े नेता माने जाते हैं। उनका अपने क्षेत्र में विशेष प्रभाव है। ऐसे में अगर वे पार्टी को अलविदा कहते हैं तो अजित के लिए बड़ा झटका होगा। निकाय चुनाव से पहले ओबीसी वोट बैंक का शरद पवार के साथ जाना एनसीपी के लिए किसी भी तरह से ठीक नहीं कहा जा सकता।

3.भुजबल एक प्रभावी नेता हैं, अगर वे बगावत करते हैं तो एनसीपी के कई अन्य विधायक भी सीनियर पवार के साथ जा सकते हैं, जोकि जुनियर पवार के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा। इतना ही नहीं, हो सकता है उन्हें सरकार से इस्तीफा देना पड़ जाए।

ये भी पढ़ेंः भीषण ठंड में दम घुटने से 6 लोगों की मौत, जम्मू के कठुआ में आग लगने से बड़ा हादसा

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो