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क्या महाराष्ट्र चुनाव में 'बागी' बिगाड़ेंगे सियासी गेम? महायुति-MVA के छूटे पसीने

Maharashtra Assembly Election 2024 : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। नामांकन समाप्त होने के बाद अब महायुति और महा विकास अघाड़ी के घटक दलों के पसीने छूट रहे हैं। अब सवाल उठता है कि क्या 'बागी' बिगाड़ेंगे सियासी गेम?
07:13 AM Oct 31, 2024 IST | Deepak Pandey
क्या महाराष्ट्र चुनाव में  बागी  बिगाड़ेंगे सियासी गेम  महायुति mva के छूटे पसीने
क्या महाराष्ट्र में 'बागी' बिगाड़ेंगे सियासी गेम?

Maharashtra Assembly Election 2024 : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन समाप्त हो गया है। अब नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 4 नवंबर है। विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों और बागियों दोनों द्वारा नामांकन दाखिल किए जाने के बाद अब सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) के वरिष्ठ नेताओं ने बागियों को मनाने की कवायद तेज कर दी है। दो दिनों में हुई कई बैठकों में करीब एक दर्जन सीटों पर विवादों को सुलझाने का प्रयास किया गया।

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राज्य की 288 सीटों में से एक तिहाई यानी 96 सीटों पर महायुति और एमवीए के 6 प्रमुख घटक दलों से बागी उभर कर सामने आए हैं। दोनों खेमों में कम से कम छह सीटें ऐसी हैं, जहां एक ही गठबंधन की दो पार्टियों ने नामांकन दाखिल किए हैं। महागठबंधन के घटक दल अब इन निर्वाचन क्षेत्रों में विवादों को सुलझाने के लिए अपने बीच तय सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर फिर से विचार-विमर्श कर रहे हैं।

महागठबंधन के दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ उतारे उम्मीदवार

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रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा नामांकन पत्रों की जांच की जा रही है, लेकिन नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 4 नवंबर है। पार्टियों के पास सीटों को लेकर अपने विवादों को सुलझाने और बागियों से नामांकन पत्र वापस लेने के लिए इस तारीख तक का समय है। महायुति और एमवीए के बीच सीटों की संख्या को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार, एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की एनसीपी और शिवसेना (UBT) ने बिना लिस्ट जारी किए ही उम्मीदवार उतार दिए, जिससे दोनों गठबंधनों के सहयोगी दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं।

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पार्टियों में बागियों को मनाने की कवायद तेज

बीजेपी हाईकमान ने इस मामले को सुलझाने के लिए एक हाईलेवल मीटिंग की। भाजपा के एक नेता ने कहा कि पार्टी ने अपने बागियों को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने का फैसला किया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े गोपाल शेट्टी से बात करेंगे, जिन्होंने पार्टी उम्मीदवार संजय उपाध्याय के खिलाफ बोरीवली से अपना नामांकन दाखिल किया है। देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटिल जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अगले चार दिनों में बागियों से बात करने और उन्हें नामांकन पत्र वापस लेने के लिए मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सीट शेयरिंग पर सहमति से पहले उतार दिए थे उम्मीदवार

तीनों सत्तारूढ़ दलों के नेताओं ने पांच सीटों पर फैसला लेने के लिए बैठक की, जहां सत्तारूढ़ गठबंधन के दो दलों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। शिवसेना के एक नेता ने कहा कि नेताओं ने उम्मीदवारों को वापस लेने पर चर्चा की और ऐसी तीन से चार सीटों पर आम सहमति बनने की उम्मीद है। अजीत पवार की एनसीपी और शिंदे की सेना ने सीट बंटवारे की बातचीत पूरी होने से पहले कुछ सीटों पर एबी फॉर्म दिए थे। यही कारण है कि सीट शेयरिंग की संख्या 288 नहीं है।

MVA में भी बागियों पर बन रहा दबाव

एमवीए गठबंधन में अलग-अलग पार्टियों ने अपने बागियों को उम्मीदवारी वापस लेने के लिए बातचीत की। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने राज्य कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। विदर्भ और अहेरी समेत कुछ अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस और एनसीपी (SP) कार्यकर्ताओं के बीच विवादों को लेकर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं को शांत करने और उन्हें गठबंधन उम्मीदवार के लिए काम करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा चुनावों में जो मतभेद पैदा हुए थे, उनका विधानसभा चुनाव में भी असर पड़ा है, लेकिन इसे सुलझा लिया जाएगा।

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अन्य छोटे दलों ने गठबंधन के खिलाफ उतारे प्रत्याशी

नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि तक एमवीए में सीट शेयरिंग पर आम सहमति न होने की वजह से न सिर्फ तीन प्रमुख दलों बल्कि पीडब्ल्यूपी और सीपीआई (एम) जैसे छोटे सहयोगी दलों ने भी गठबंधन की घटक पार्टियों के दावे वाले निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों की लिस्ट में अलीबाग, पेन, उरण, सोलापुर सिटी सेंट्रल, पंढरपुर, सांगोला और परांदा सीटें शामिल हैं।

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