दिल्ली से टिकट काटकर हंस राज हंस को BJP ने फरीदकोट से क्यों बनाया उम्मीदवार? जानें सीट का पूरा समीकरण
Lok sabha election 2024: लोकसभा चुनावों को लेकर बीजेपी ने शनिवार को अपने उम्मीदवारों की आठवीं लिस्ट जारी कर दी है। इसी लिस्ट में सूफी सिंगर हंस राज हंस को पंजाब की फरीदकोट (अजा) सीट से टिकट दिया गया है। इस सीट पर ऐसा क्या है कि दिल्ली में जीते हुए सांसद को पार्टी ने पंजाब की इस सीट पर शिफ्ट कर दिया। आइए आपको बताते हैं इस सीट का पूरा समीकरण।
ਪਾਰਟੀ ਹਾਈ ਕਮਾਂਡ ਵੱਲੋਂ ਮੇਰੇ ਤੇ ਭਰੋਸਾ ਜਤਾਉਂਦਿਆਂ ਮੈਨੂੰ ਫਰੀਦਕੋਟ ਲੋਕ ਸਭਾ ਤੋਂ ਟਿਕਟ ਦੇਣ ਲਈ ਮੈਂ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਨਰਿੰਦਰ ਮੋਦੀ, ਗ੍ਰਹਿ ਮੰਤਰੀ ਅਮਿਤ ਸ਼ਾਹ, ਪਾਰਟੀ ਪ੍ਰਧਾਨ ਜੈ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਨੱਢਾ ਅਤੇ ਪੰਜਾਬ ਪ੍ਰਧਾਨ ਸੁਨੀਲ ਜਾਖੜ ਜੀ ਦਾ ਅਤਿ ਧੰਨਵਾਦੀ ਹਾਂ। pic.twitter.com/abhEs2vYKl
— Hans Raj Hans (Modi ka Parivar) (@hansrajhansHRH) March 30, 2024
2019 लोकसभा सीट के आंकड़े
2019 लोकसभा सीट के नतीजों पर नजर डालें तो फरीदकोट (अजा) सीट से कांग्रेस के मोहम्मद सदीक ने 83262 वोटों से अकाली दल के गुलजार सिंह रणीके को हराया था। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार मोहम्मद सदीक को कुल 417936 वोट, गुलजार सिंह को 334674 और तीसरे स्थान पर आप के प्रो. साधु सिंह को कुल 114610 वोट मिले थे। जानकारी के अनुसार इससे पहले साल 2014 में फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र से प्रोफेसर साधु सिंह 450751 वोट के साथ चुनाव जीते थे।
लोकसभा सीट का इतिहास
जानकारी के अनुसार साल 1952 में इस लोकसभा सीट का गठन हुआ था। साल 2009 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई। यह लोकसभा सीट राज्य के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में आती है। यहां आने वाले गुरुद्वारा गोदरी साहिब और तिल्ला बाबा फरीद धार्मिक स्थालों की काफी मान्यता है। पिछले चुनाव में इस सीट पर कुल 1455075 वोट थे। जिनमें से करीब 26 फीसदी वोटर अनुसूचित जाति से संबंधित हैं। यही वजह है कि इस जाति के नामचीन चेहरे हंस राज हंस इस सीट पर बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा है।
1 जून को मतदान होगा
पंजाब की 13 लोकसभा सीट पर सातवें चरण में 1 जून को मतदान होगा। यहां 7 मई को नामांकन के लिए अधिसूचना जारी होगी। 14 मई तक नामांकन होंगे और 17 मई तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकते हैं। इस सब के बाद 4 जून को मतगणना होगी। बता दें पंजाब में इस समय आम आदमी पार्टी की सरकार है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां सबसे ज्यादा 8 लोकसभा सीटों पर चुनाव जीता था। वहीं, बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल को 2-2 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था।