पंजाब उपचुनाव में BJP का सूपड़ा साफ, आम आदमी पार्टी की जीत के क्या हैं 5 बड़े कारण?
Punjab By Election Result 2024 (अमित पाण्डेय) : पंजाब की 4 सीटों पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया। आम आदमी पार्टी ने तीन सीटों पर जीत हासिल कर अपना जलवा कायम रखा, जबकि कांग्रेस के पाले में एक सीट आई। उपचुनाव में शानदार जीत के बाद आप के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है।
पंजाब की चब्बेवाल, डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा सीट पर आम आदमी पार्टी ने कब्जा किया तो वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार कुलदीप सिंह काला ढिल्लों ने बरनाला सीट से आप प्रत्याशी हरिंदर सिंह धालीवाल को मात दी। आप के इशांक कुमार ने चब्बेवाल सीट से कांग्रेस के रणजीत कुमार को 28,690 वोटों के अंतर से हराया। इशांक होशियारपुर लोकसभा सीट से सांसद डॉ. राजकुमार चब्बेवाल के बेटे हैं। यहां शुरुआत में ही एकतरफा लीड देख कांग्रेस उम्मीदवार रणजीत कुमार ने मतगणना केंद्र छोड़ दिया था।
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सांसद अमरिंदर सिंह राजा की पत्नी भी हारी
आप के गुरदीप सिंह रंधावा ने डेरा बाबा नानक सीट पर सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर को मात दी। गुरदीप सिंह रंधावा को 60000 मत मिले तो वहीं जतिंदर कौर ने 53322 वोट प्राप्त किए। भाजपा प्रत्याशी रविकरण काहलों को 6449 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा। वहीं, गिद्दड़बाहा सीट से लुधियाना सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की पत्नी अमृता वडिंग को हार सामना करना पड़ा। आप के हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने जीत हासिल की।
जानें आम आदमी पार्टी की जीत के क्या हैं 5 बड़े कारण?
सभी सीटों पर उम्मीदवारों का चयन
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने चारों सीटों पर उन उम्मीदवारों पर दांव खेला, जो अपनी विधानसभा में लोकप्रिय थे और मजबूत दावेदार थे। सीएम ने अकाली दल और कांग्रेस के पुराने नेताओं को पार्टी में शामिल कर टिकट दिया। हालांकि, बरनाला सीट पर आम आदमी पार्टी ने सांसद मीत हेयर के करीबी को टिकट दिया, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा।
ढाई साल के कामकाज का असर
पिछले ढाई साल से आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार राज्य में जिस तरह से फ्री बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा पर काम कर रही है, उसी का नतीजा रहा कि ग्रामीण और शहरी वोटरों ने पार्टी पर विश्वास जताया। इसमें फ्री बिजली ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अरविंद केजरीवाल का फैक्टर आया काम
पंजाब विधानसभा के उपचुनाव में अरविंद केजरीवाल का भी फैक्टर चला। आखिरी दिनों में अरविंद केजरीवाल ने चारों विधानसभा सीटों पर प्रचार किया और मान सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। साथ ही वे आने वाले दिनों में किस तरह से पार्टी उनकी विधानसभा के लिए काम करेगी, उसका विश्वास दिलाने में कामयाब रहे। 2022 की तरह इस बार की विधानसभा उपचुनाव में जनता ने केजरीवाल के राजनीति पर भरोसा किया।
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एकजुट रहे पार्टी कार्यकर्ता
आम आदमी पार्टी ने इस उपचुनाव में दो सीटों पर दूसरी पार्टी से आए नेताओं को चुनाव लड़ाया। इसके बावजूद पार्टी के कार्यकर्ता एकजुट रहे और सभी कार्यकर्ताओं ने मिलकर अपने उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार किया। किसी भी तरह की गुटबाजी देखने को नहीं मिली। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी को तीन सीटों पर जीत मिली।
उपचुनाव से दूर रहा अकाली दल
इस उपचुनाव से अकाली दल के दूर रहने का भी फायदा आम आदमी पार्टी को मिला। खासकर डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा की सीट पर अकाली दल ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की मदद की। डेरा बाबा नानक में ग्रामीण इलाकों में अकाली का खासा प्रभाव है। वे वोट आम आदमी पार्टी की तरफ शिफ्ट हो गए।