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नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे CM भगवंत मान, जानें वजह

CM Mann Boycott Niti Aayog Meeting: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज ऐलान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 जुलाई को नई दिल्ली में बुलाई गई नीति आयोग की बैठक का राज्य सरकार द्वारा बहिष्कार किया जाएगा।
06:14 PM Jul 25, 2024 IST | Deepti Sharma
नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे cm भगवंत मान  जानें वजह

CM Mann Boycott Niti Aayog Meeting: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है 27 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक का राज्य सरकार की ओर से बहिष्कार करने का फैसला लिया गया है। पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बजट में पंजाब को फंड नहीं देने को लेकर हमला किया। उन्होंने केंद्रीय बजट को ‘कुर्सी बचाओ बजट’ करार दिया। भगवंत सिंह मान कहा कि हमें इस बात पर अफसोस है कि देश का अन्नदाता होने के बावजूद बजट में पंजाब की अनदेखी की गई।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब 532 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है और हमेशा देश हित के लिए खड़ा रहा है। फिर भी केंद्र सरकार ने सड़कें बंद कर राज्य पर बोझ डालने का काम किया है। भगवंत सिंह मान ने दीनानगर और पठानकोट हमलों के दौरान सेना भेजने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए 7.5 करोड़ रुपये के वित्तीय बोझ को माफ करने के अपने प्रयासों को भी याद किया।

आर्थिक रूप से राज्य को सक्षम बनाएंगे

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि उनकी सरकार राज्य को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए अपने वित्तीय संसाधन जुटाएगी। उन्होंने इस दौरान पंजाब को विशेष दर्जा देने की भी मांग की। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब के योगदान और भारत के खाद्य भंडार में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रदेश के किसानों की अनदेखी की गई और उन्हें रोकने के लिए बैरियर लगाए गए।

राज्यपाल से की ये अपील

मुख्यमंत्री ने राज्य के 10,000 करोड़ रुपये रोकने के लिए केंद्र सरकार और रोजाना छोटे-मोटे मुद्दे उठाने के लिए राज्यपाल की आलोचना की। उन्होंने आश्वासन दिया कि कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने राज्यपाल से छोटे-मोटे मुद्दे उठाकर विवाद पैदा नहीं करने का आग्रह किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति के संबंध में निर्णय नियुक्त प्रतिनिधियों के बजाय निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किया जाना चाहिए।

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