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Ajmer Sex Scandal के 6 दोषियों को उम्रकैद की सजा, 32 साल बाद आया फैसला

Ajmer Blackmail Case 1992: अजमेर 1992 ब्लैकमेल कांड में आज पाॅक्सो कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी 6 आरोपियों को दोषी करार दिया। कोर्ट ने आरोपियों को उम्रकैद और 5-5 लाख रुपये की जुर्माने की सजा सुनाई है।
12:49 PM Aug 20, 2024 IST | Rakesh Choudhary
ajmer sex scandal के 6 दोषियों को उम्रकैद की सजा  32 साल बाद आया फैसला
Ajmer Blackmail Case 1992

Ajmer Blackmail Case 1992: अजमेर 1992 ब्लैकमेल कांड में आज पाॅक्सो कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी 6 आरोपियों को दोषी करार दिया। पोक्सो कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने 5-5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाने के दौरान सभी आरोपी कोर्ट में मौजूद थे। इससे पहले इस मामले में फैसला 8 अगस्त को आना था। बता दें कि इस मामले में 1 आरोपी अभी भी फरार चल रहा है।

ये आरोपी दोषी साबित

कोर्ट ने इस मामले में नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी, सैयद जमीन हुसैन को पोक्सो कोर्ट ने दोषी माना है। 32 साल पहले 1992 में अजमेर के एक काॅलेज में पढ़ने वाली 100 से अधिक लड़कियों के फोटोज खींचकर आरोपियों ने ब्लैकमेल किया था। इस मामले में 4 आरोपी पहले ही सजा काट चुके हैं। कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया।

जानकारी के अनुसार इस मामले में कुल 18 आरोपी थे। 9 को सजा सुनाई जा चुकी है। वहीं एक आरोपी ने सुसाइड कर लिया। एक पर बिजनेसमैन के लड़के से कुकर्म के चलते अलग से मुकदमा चला। एक आरोपी फरार है जिसे कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है।

बता दें कि इस मामले में 6 आरोपियों की ट्रायल कोर्ट में इसी साल जुलाई में सुनवाई पूरी हुई है। इससे पहले 8 अगस्त को फैसला आना था। ऐसे में अब आज इस मामले में कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।

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इस केस में उम्रकैद की सजा पाए सभी 8 आरोपियों ने डीजे कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। इशरत अली, मोइजुल्लाह, अनवर चिश्ती, शम्सू की सजा बरकरार रखी।

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ऐसे में इन चारों आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए 2003 में चारों की सजा उम्रकैद से घटाकर 10 साल कर दी। तब तक आरोपी 10 साल जेल की सजा काट चुके थे ऐसे में सभी जेल से छूट गए। वहीं मुख्य आरोपी फारुख चिश्ती मानसिक बीमारी का बहाना कर कोर्ट में ट्रायल से बचता रहा। इसके बाद 2007 में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उसे भी उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके बाद उसने भी हाईकोर्ट में अपील की। इसके बाद कोर्ट ने उसे भी बरी कर दिया।

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