whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

राजस्थान में पहली बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए हेलिकॉप्टर का यूज, ब्रेनडेड विष्णु के 8 अंग डोनेट; बचाई 3 जिंदगी

Rajasthan News: राजस्थान में रविवार को मानवता की नई मिसाल पेश की गई। स्वास्थ्य सेवाओं ने एक नया इतिहास रच दिया। 3 घंटे के भीतर एक ब्रेनडेड युवक के अंग पहुंचाए गए। जिससे कई जिंदगियां बचाई गईं। विस्तार से मामले के बारे में जानते हैं।
10:07 PM Dec 15, 2024 IST | Parmod chaudhary
राजस्थान में पहली बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए हेलिकॉप्टर का यूज  ब्रेनडेड विष्णु के 8 अंग डोनेट  बचाई 3 जिंदगी
राजस्थान में हेलिकॉप्टर से पहुंचाए गए अंग। Photo-X

Jaipur News: (केजे श्रीवत्सन, जयपुर) राजस्थान की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं ने एक नया इतिहास रविवार को रच दिया। पहली बार ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया। तीन घंटे के भीतर झालावाड़ से जयपुर और जोधपुर में हार्ट, किडनी और लिवर पहुंचाए गए। 33 वर्षीय भानपुरा (झालावाड़) निवासी विष्णु एसआरजी हॉस्पिटल में भर्ती थे। जहां 13 दिसंबर को सिर की चोट के कारण विष्णु को ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया था। प्रशासन और मेडिकल टीम से प्रेरित होकर विष्णु के परिजन उनके अंगों को दान करने के लिए तैयार हो गए। उसके बाद 13 और 14 दिसंबर को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में विष्णु के हार्ट, किडनी, लिवर और लंग्स निकाले गए।

Advertisement

यह भी पढ़ें:सुहागरात में दूल्हे को किया बेहोश; 12 लाख के जेवर लेकर भागी लुटेरी दुल्हन; जानें कैसे किया कांड?

जानकारी के अनुसार ब्रेनडेड विष्णु के शरीर के 8 अंगों को निकालकर जरूरतमंदों के शरीर में प्रत्यर्पित किया गया। जिसमें हार्ट, 2 फेफड़े, 2 किडनी, 1 यकृत और 2 कॉर्निया शामिल हैं। इसके लिए रविवार (15 दिसंबर) को सुबह साढ़े 10 बजे हेलिकॉप्टर से ये ऑर्गन जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल पहुंचे। हार्ट और किडनी जयपुर में दो मरीजों को ट्रांसप्लांट किए गए। उसी हेलिकॉप्टर से दोपहर डेढ़ बजे जोधपुर एम्स में दो अंग पहुंचाए गए। जोधपुर में एक मरीज को लिवर ट्रांसप्लांट किया गया।

Advertisement

Advertisement

राजस्थान में 13वां अंग प्रत्यारोपण

पहली बार मानव अंगों को सुरक्षित और समय पर पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर का उपयोग किया गया। चूंकि वक्त पर इन अंगों को जोधपुर और जयपुर के अस्पताल तक पहुंचाना जरूरी था। ऐसे में प्रशासन ने जयपुर और जोधपुर में हेलिकॉप्टर की लैंडिंग अस्पताल से एक किलोमीटर के दायरे में की थी। विष्णु के परिजनों ने कहा कि हमारे बेटे की जिंदगी तो नहीं बच सकी। लेकिन उसके अंग दूसरों की जान बचाने के काम आए। राजस्थान में अब तक का यह 13वां अंग प्रत्यारोपण था। साथ ही यह एक ऐसा मामला था, जिसमें एक साथ शरीर के 8 अंगों को जरूरतमंद व्यक्तियों के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। जिसमें दो कॉर्निया भी शामिल हैं।

यह भी पढ़ें:‘हिंदू शख्स’ से बात करने पर लड़कियों के उतरवाए हिजाब, फोन छीनकर मारे थप्पड़; वीडियो वायरल

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो