Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को लगाएं ये 5 भोग, मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होकर बरसाएंगी धन!
Dev Uthani Ekadashi 2024: हिन्दू धर्मग्रंथों में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा गया है। इसे प्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं। हिंदू धर्म में इस एकादशी का विशेष महत्व है। शास्त्रों में इस एकादशी को श्रीहरि भगवान विष्णु की उपासना का सबसे अद्भुत एकादशी बताया गया है, क्योंकि इस दिन जगतपालक लक्ष्मीपति श्री नारायण विष्णु 4 महीने की चिर योग निद्रा से जागते हैं।
चार महीने की चिर योग निद्रा से जागने के बाद आज भक्त-वत्सल श्रीहरि विष्णु को भक्तों के हाथ का सुस्वादु भोजन और भांति-भांति के व्यंजन परोसे जाएंगे। आइए जानते हैं, आज भगवान विष्णु को कौन-सा 5 भोग लगाने से वे संतुष्ट होते हैं और उनके साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होकर धन बरसाती हैं?
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भगवान विष्णु को लगाएं ये खास भोग
1- केसर खीर
श्रीहरि विष्णु को खीर बहुत पसंद है। देव उठनी एकादशी को भगवान विष्णु को शुद्ध दूध, चावल, मिश्री और केसर से बनी खीर भोग लगाएं। मान्यता है कि इस एकादशी पूजन में खीर का भोग लगाने से लक्ष्मी और नारायण दोनों की कृपा भक्त पर बनती है और उसे किसी भी प्रकार के धन-समृद्धि की कमी नहीं रहती है।
2- दूध-केला का भोग
भगवान विष्णु को केला बेहद प्रिय है। उनकी पूजा के लिए मंडप बनाने में केले के पत्ते का उपयोग अवश्य करना चाहिए। साथ ही उनको साबुत पीले केले भी अर्पित करने चाहिए। इसके अलावा दूध-केला का भोग भी भगवान श्रीहरि विष्णु को काफी पसंद हैं।
3- पंचामृत का भोग
देवउठनी एकादशी की पूजा थाली में में पंचामृत हर हाल में शामिल करें। साथ ही इस भोग में तुलसी के पत्ते शामिल जरूर करें। तुलसी दल के बिना भगवान भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इससे विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और धन और सौभाग्य का वरदान देते हैं। माना जाता है कि देवउठनी एकादशी की पूजा थाली में में पंचामृत शामिल न करने से जातक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। इसलिए विष्णु जी को पंचामृत का भोग जरूर लगाएं।
4- गन्ने का भोग
गन्ना समृद्धि, मधर जीवन और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को गन्ना अर्पित करके लोग अपने जीवन में समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हैं। इस दिन गन्ने से बने मंडप में विष्णु पूजन से भगवान और मां लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं।
5- सिंघारे का भोग
सिंघाड़ा माता लक्ष्मी को बेहद प्रिय है। इसलिए एकादशी के दिन भगवान विष्णु को सिंघाड़ा का भोग लगाने से माता लक्ष्मी भी बेहद प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति की सभी परेशानियां भी दूर होती हैं। आप चाहें तो भगवान को सिंघारे के हलवे का भी भोग लगा सकते हैं, लेकिन कच्चा सिंघारा चढ़ाना अधिक फलदायी है।
इसके अलावा देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को साबूदाने की खीर का भी भोग लगाएं और इससे जीवन की नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही आज आप भगवान को अन्य मौसमी फलों जैसे अमरूद, अनार, शकरकंद आदि का भी भोग लगा सकते हैं।
देवउठनी एकादशी का महत्व
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन ही इस सम्पूर्ण सृष्टि के पालनहार श्रीहरि भगवान विष्णु 4 महीने बाद योगनिद्रा से जागते हैं और फिर से सृष्टि का कार्यभार संभाल लेते हैं। इस दिन चातुर्मास का समापन हो जाता है, जो आषाढ़ मास की देवशयनी एकादशी को शुरू हुआ था। भगवान विष्णु के नींद से जागने के बाद शुभ-मांगलिक कार्य, जैसे विवाह, सगाई, मुंडन आदि शुरू हो जाते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।