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Indira Ekadashi 2024: क्यों महत्वपूर्ण है पितृपक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी? जानें तिथि और पूजा मुहूर्त

Indira Ekadashi 2024: सितंबर महीने में दो महत्वपूर्ण एकादशी व्रत हैं: परिवर्तिनी और इंदरा एकादशी। ये दोनों ही भगवान विष्णु को समर्पित हैं। पितृपक्ष में पड़ने के कारण इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं, इंदिरा एकादशी कब है, इसका महत्व क्या और किस मुहूर्त में पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होंगी?
05:04 PM Sep 12, 2024 IST | Shyam Nandan
indira ekadashi 2024  क्यों महत्वपूर्ण है पितृपक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी  जानें तिथि और पूजा मुहूर्त

Indira Ekadashi 2024: सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। पूरे साल में 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं और सभी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित हैं। इस बार सितंबर माह में दो महत्वपूर्ण एकादशी रखे जाएंगे, ये हैं: परिवर्तिनी एकादशी और इंदिरा एकादशी। सनातन पंचांग के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी व्रत भादो मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। आइए जानते हैं, इंदिरा एकादशी कब है, इसका महत्व क्या और किस मुहूर्त में पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होंगी?

इंदिरा एकादशी व्रत 2024 की तिथि

इंदिरा एकादशी व्रत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि रखा जाता है। इस एकादशी तिथि की शुरुआत शनिवार 27 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 20 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन रविवार 28 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 49 मिनट पर होगा। हिन्दू धर्म के नियम के अनुसार, कोई भी व्रत, पर्व या त्योहार सूर्योदय की तिथि यानी उदयातिथि में मनाया जाता है। इस प्रकार इंदिरा एकादशी का व्रत और पूजा 28 सितंबर को की जाएगी।

इंदिरा एकादशी व्रत का पारण: जहां तक इंदिरा एकादशी व्रत के पारण की बात है, तो इस व्रत को करने वाले व्रती यानी साधक या साधिका इस व्रत का पारण 9 सितंबर को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से लेकर 08 बजकर 36 मिनट के बीच कर सकते हैं।

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इंदिरा एकादशी का महत्व

इंदिरा एकादशी पितृपक्ष के दौरान आता है। श्राद्ध के दिनों में पड़ने के कारण इस एकादशी का संबंध अपने आप पितृपक्ष से जुड़ जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस एकादशी में विष्णु पूजा करने से पितृों को तृप्ति और मोक्ष मिलता है। इस एकादशी के महत्व को लेकर पद्म पुराण में कहा गया है कि इस एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत कर इसके पुण्य को पूर्वज के नाम पर दान कर दिया जाए, तो उन्हें मोक्ष मिल जाता है। केवल इतना ही नहीं बल्कि और व्रत करने वाले को भी वैकुण्ठ की प्राप्ति होती है। धार्मिक ग्रंथ ये भी बताते हैं कि इस एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति के सात पीढ़ियों तक के पूर्वज और पितर तृप्त जाते हैं।

इंदिरा एकादशी 2024 पूजा मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार, इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर 2024 को रखा जाएगा और व्रत का पारण 29 सितंबर को किया जाएगा। इंदिरा एकादशी पर सिद्ध योग के साथ ही शिववास का विशेष शुभ संयोग बन रहा है। इससे इस एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस एकादशी के पूजा 28 सितंबर को सूर्योदय के बाद दिन के 2 बजकर 49 मिनट के बीच के कभी भी कर सकते हैं, लेकिन इस दिन अभिजित मुहूर्त में 11बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट के बीच इंदिरा एकादशी की पूजा का श्रेष्ठ फल मिल सकता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक  शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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