खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

राधारानी के 28 खास नाम...प्रेमानंद महाराज ने बताया ‘मंत्रों का महामंत्र’; जाप से होती है हर कामना की पूर्ति

Radha Name Significance: कृष्ण भक्ति में राधा जी भगवान कृष्ण की शक्ति मानी गई हैं। यहां राधा जी के 28 खास नाम बताए गए हैं, जिनके बारे में प्रेमानंद महाराज कहते हैं, ये ‘मंत्रों का महामंत्र’ है, जिसे जाप मात्र से लौकिक और पारलौकिक सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति होती है। आइए जानते हैं, क्या हैं ये नाम?
04:06 PM Jul 20, 2024 IST | Shyam Nandan
Advertisement

Radha Name Significance: कृष्ण-भक्ति और वैष्णव परंपरा में जितना जितना महत्व भगवान श्रीकृष्ण का है उतना ही राधा जी का है। राधा-कृष्ण भक्तों और साधकों के लिए ‘राधा’ कोई साधारण शब्द नहीं है। इसे सभी मंत्रों का महामंत्र माना गया। मान्यता है कि पूर्ण भक्ति, निष्ठा और समर्पण से ‘राधा’ नाम लेने पर भगवान श्रीकृष्ण स्वयं भक्त के अधीन होकर कृपा बरसाते हैं। मान्यता है कि राधा नाम के जाप से भक्त को शक्ति, भक्ति और मुक्ति तीनों प्राप्त होती हैं।

Advertisement

जो मांगोगे वही मिलेगा: प्रेमानंद जी महाराज

वृंदावन में राधारानी और भगवान कृष्ण की सेवा और भजन-कीर्तन में लीन कथावाचक प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, राधारानी के 28 नाम के जाप करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। वे कहते हैं कि राधारानी के ये 28 नाम महामंत्र है, जिनको जपने के बाद चाहे वह कोई लौकिक चीज हो या पारलौकिक, जो मांगोगे वही मिलेगा। आइए जानते हैं, राधा जी ये 28 नाम क्या हैं?

राधा रानी के 28 नाम

भगवान कृष्ण की सहचरी राधा जी बरसाना के गोपों राजा वृषभानु की पुत्री थी। इसलिए वे वृषभानुसुता कहलाती हैं, जो उनके 28 पवित्र नामों से एक है। राधा जी के जिन 28 नामों से उनका गुणगान किया जाता है, वे इस प्रकार हैं:

1. राधा, 2. रासेश्वरी, 3. रम्या, 4. कृष्णमत्राधिदेवता, 5. सर्वाद्या, 6. सर्ववंद्या, 7. वृंदावनविहारिणी, 8. वृंदाराधा, 9. रमा, 10. अशेषगोपीमंडलपूजिता, 11. सत्या. 12. सत्यपरा, 13. सत्यभामा, 14. श्रीकृष्णवल्लभा, 15. वृषभानुसुता, 16. गोपी, 17. मूल प्रकृति, 18. ईश्वरी, 19. गान्धर्वा, 20. राधिका, 21. राम्या, 22. रुक्मिणी, 23. परमेश्वरी, 24. परात्परतरा, 25. पूर्णा, 26. पूर्णचन्द्रविमानना, 27. भुक्ति-मुक्तिप्रदा और 28. भवव्याधि-विनाशिनी।

Advertisement

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, जो इन 28 नामों को भजते हैं, उनको विश्व की ऐसी कोई इच्छा नहीं है, जो पूरी नहीं हो जाए।

कृष्ण-भक्ति में राधा जी का महत्व

राधा और कृष्ण के प्रेम को सांसारिक प्रेम से परे पवित्र, आध्यात्मिक और दैवीय प्रेम का प्रतीक माना गया है।  कृष्ण भक्ति परंपरा में राधा जी को 'श्रीकृष्ण की आत्मा' और 'श्रीकृष्ण की शक्ति' बताया गया है। कहते हैं, यदि राधा जी न होतीं तो भगवान कृष्ण का आनंद, सौंदर्य और पूर्णता भी अधूरी रहती। कृष्ण यदि केंद्रीय शक्ति हैं, तो राधारानी इस शक्ति की आदि-स्रोत हैं। राधे-राधे!

ये भी पढ़ें: हथेली पर दिखें ये रेखाएं और चिह्न तो नसीब में पैसा ही पैसा, सफलता भी चूमेगी आपके कदम

ये भी पढ़ें: क्यों नहीं होता राम कथा में उनकी बहन का जिक्र, चार भाइयों में कभी किसी ने नहीं ली सुध, जानें क्या है कहानी

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Advertisement
Tags :
Krishna Storieslord krishnaRadha Name
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement