ब्रह्मांड का बड़ा राज खुला! इस ग्रह के चांद के नीचे 2.5 करोड़ साल से बह रहा समुद्र
Saturn's Moon Has Hidden Ocean Under Crust : हमारे सोलर सिस्टम का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह शनि यानी सैटर्न का एक चंद्रमा अपने भीतर कई राज समेटे हो सकता है। इस ग्रह का एक चंद्रमा ऐसा है जो अपनी सतह पर बड़े क्रेटर की वजह से प्रसिद्ध फिल्म सीरीज 'स्टार वार्स' में दिखाए जाने वाले 'डेथ स्टार' जैसा लगता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस चंद्रमा के क्रस्ट के नीचे समुद्र छिपा हो सकता है। शनि के इस चंद्रमा का नाम मीमास (Mimas) है।
A paper in @Nature suggests that Saturn’s moon, Mimas, may have an ocean hiding beneath an icy cratered surface. Analysis of observations from the Cassini spacecraft indicates that the ocean is relatively new and still evolving. https://t.co/cyHQupyTYL pic.twitter.com/DxJn6e0atw
— Nature Portfolio (@NaturePortfolio) February 7, 2024
यह जानकारी सामने आने के बाद मीमास उस एक्सक्लूजिव क्लब में शामिल हो गया है जिसमें अभी तक शनि के दो चंद्रमा (टाइटन और एंसेलाडस) और जूपिटर के दो चंद्रमा (यूरोपा और गैनीमीड) शामिल थे। माना जाता है कि इन चंद्रमाओं की सतह के नीचे समुद्र हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह काफी हैरान करने वाला है। अगर आप मीमास की सतह को देखें तो तो ऐसा कुछ भी नहीं दिखेगा जो इस बात का संकेत देता हो इसकी सतह के नीचे समुद्र हो सकता है।
नाशा के मिशन की तस्वीरों से मिली मदद
दरअसल, मीमास के ऑर्बिट में विशेषताओं को देखते हुए वैज्ञानिकों ने दो अनुमान लगाए थे। पहला ये कि या तो इसका बहुत लंबा बर्फ से ढका कोर हो सकता है या फिर इसकी परत के नीचे एक समुद्र हो सकता है जिसकी वजह से इसकी बाहरी परत कोर से अलग स्वतंत्र रूप से शिफ्ट कर सकती है। शनि के लिए नासा के कैसिनी मिशन से मिली हजारों तस्वीरों का विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिरों ने मीमास की तरह स्पिन और ऑर्बिटल मोशन का फिर से निर्माण किया।
There’s a newfound ocean in the outer Solar System, and it’s in a very surprising place
The sea within Saturn’s satellite Mimas formed within the last 25 million years, a blink of the eye in geologic terms https://t.co/lv3U02Ljgv
— nature (@Nature) February 7, 2024
करीब 45 मील गहरा हो सकता है समुद्र
वैज्ञानिकों की कैलकुलेशन ने बताया कि मीमास जिस तरह से मूव करता है उसके लिए उसकी सतह के नीचे समुद्र होने की संभावना ज्यादा है। इसमें पता चला कि मीमास के 15 मील मोटे बर्फीले कवर के नीचे 45 मील गहरा समुद्र हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मीमास की सतह के नीचे मौजूद समुद्र का वॉल्युम कुल वॉल्यूम का आधे से अधिक हो सकता है। तुलनात्मक रूप से मीमास के समुद्र को नया माना जा रहा है। बता दें कि मीमास की सतह काफी टूटी-फूटी है।
जीवन होने की संभावना पर क्या अनुमान
माना जा रहा है कि इस समुद्र का निर्माण करीब 2.5 करोड़ पहले हुआ होगा। ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यह अनुमान सही है तो यह इतना समय नहीं है कि वहां पानी में जीवन की शुरुआत हो सके। जीवन के बारे में जूपिटर के चंद्रमा यूरोपा और शनि के एनसेलाडस को ज्यादा बेहतर उम्मीदवार माना जाता है। हालांकि, वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि आने वाले समय में की जाने वाली रिसर्च बताएगी कि शनि का चंद्रमा मीमास कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।
हालांकि, वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि अगर मीमास की सतह के नीचे समुद्र होता भी है, तो भी धरती के अलावा कई ऐसी जगहें हैं जहां जीवन की तलाश करना आसान हो सकता है। यहां समुद्र होने का संकेत तो मिला है लेकिन जीवन होने का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। अगर मीमास पर जीवन होता भी तो वह 20 किलोमीटर बेहद मजबूत बर्फ से ढका होता।