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Chess Olympiad: कौन हैं 18 साल की महिला ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख? जिनके दम पर महिला टीम ने भी जगा दी गोल्ड की उम्मीद

Who is Divya Deshmukh: हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में खेले जा रहे शतरंज ओलंपियाड में भारतीय मेंस टीम की तरह ही महिला टीम भी जोरदार प्रदर्शन कर रही है। चीन के खिलाफ 10वें राउंड में भारत ने 2.5-1.5 से जीत की। चार प्लेयर्स में से दिव्या देशमुख ही थीं, जिन्होंने जीत दर्ज की।
03:15 PM Sep 22, 2024 IST | Mohan Kumar
divya deshmukh
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Who is Divya Deshmukh: हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में खेले जा रहे शतरंज ओलंपियाड में भारतीय महिला और पुरुष टीमों का धमाकेदार प्रदर्शन जारी है। ग्रैंडमास्टर और वर्ल्ड चैंम्पियनशिप चैलेंजर डी गुकेश ने फाबियानो कारुआना को हराकर भारत को मेंस कैटेगिरी में पहली बार शतरंज ओलंपियाड में गोल्ड मेडल दिलाने में मदद की। पुरुषों के बाद भारतीय महिला टीम ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए चीन को 10वें राउंड में 2.5-1.5 से मात दी। भारतीय टीम की ओर से सिर्फ दिव्या देशमुख को ही जीत मिली, जबकि नोएडा की वंतिका अग्रवाल, वैशाली और हरिका ने ड्रॉ खेला। दिव्या ने यहां शिक्वेन को हराया। दिव्या की इस जीत ने टीम को कजाकिस्तान के साथ टॉप पोजीशन पर ला दिया है।

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कौन हैं दिव्या देशमुख

बता दें कि 18 साल की दिव्या महाराष्ट्र के नागपुर की रहने वाली हैं और पिछले कुछ सालों से शतरंज सर्किट में एक उभरता हुआ सितारा हैं। उन्होंने सिर्फ छह साल की उम्र में ही शतरंज की कोचिंग लेना शुरू कर दिया था। पहले उनके परिवार चाहते थे कि वो अपना करियर बैडमिंटन में बनाएं, लेकिन कम हाइट होने की वजह से उन्होंने शतरंज में ही करियर बनाने का फैसला किया। दिव्या को शतरंज में इंटरेस्ट अपने पापा की वजह से आया, जो इसे अपनी हॉबी के तौर पर खेलते थे। दिव्या ने सिर्फ पांच साल की उम्र में इस खेल में पहला प्राइज जीता था।

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पिछले साल बनीं एशियाई चैम्पियन

दिव्या ने करियर में काफी सफलताएं हासिल की हैं, जिसमें 2022 में महिला शतरंज चैंपियनशिप में उनका खिताब जीतना और उसके बाद अगले साल एशियाई चरण में भी खिताब जीतना प्रमुख है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मास्टर और महिला ग्रैंडमास्टर दिव्या अंडर-20 वर्ल्ड कप में जूनियर चैम्पियन रह चुकी हैं। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 11 में से नौ मैच जीते थे, जबकि दो मैच ड्रॉ रहे थे।

ऐसा करने वालीं सिर्फ चौथी भारतीय

दिव्या ने इस साल जून में फीडे जूनियर अंडर-20 लड़कियों का विश्व शतरंज चैंपियनशिप अपने नाम की थी। यह टूर्नामेंट गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आयोजित किया गया था, जिसमें 44 विभिन्न देशों के शतरंज संघों के लगभग 230 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। दिव्या यहां कोनेरू हम्पी, हरिका द्रोणावल्ली और सौम्या स्वामीनाथन के बाद फीडे अंडर-20 विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने वाली चौथी भारतीय महिला बनी थीं।

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