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भारत का ये दिग्गज खिलाड़ी हुआ था पहली बार DRS का शिकार, जानें कब आया था ये नियम

Cricket एक ऐसा खेल है जहां नियम बनते और बदलते रहते हैं। समय समय पर बदले जाने वाले इन नियम का इतिहास भी दिलचस्प होता है। ऐसा ही DRS का एक नियम है, जो अब आम है। लेकिन, इसका शिकार सबसे पहले टीम इंडिया के बल्लेबाज ही हुए थे।
02:43 PM Sep 11, 2024 IST | mashahid abbas
भारत का ये दिग्गज खिलाड़ी हुआ था पहली बार drs का शिकार  जानें कब आया था ये नियम
Virender Sehwag

Cricket के खेल में नियम कायदे समय समय पर बदलते और बनते रहते हैं। ऐसा ही एक नियम शुरू हुआ था DRS (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) का। ये नियम अब क्रिकेट में आम है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इस नियम की शुरुआत कब हुई और इसका सबसे पहला शिकार कौन बना? आइए इस रिपोर्ट में हम आपको इसका जवाब देते हैं।

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16 साल पहले बना था ये नियम 

भारतीय क्रिकेट टीम 16 साल पहले 23 जुलाई 2008 को श्रीलंका के दौरे पर गई थी। यहीं पर पहली बार DRS तकनीक को ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। इस मैच में श्रीलंका के गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन ने DRS का सबसे पहली बार इस्तेमाल किया था। उनकी गेंद बल्लेबाज के पैड पर जाकर टकराई थी, लेकिन अंपायर ने मुथैया मुरलीधरन की अपील को ठुकरा दिया था और बल्लेबाज को नॉटआउट करार दे दिया था।

लेकिन मुथैया मुरलीधरन ने DRS का इस्तेमाल करते हुए अंपायर के फैसले को चैलेंज किया। थर्ड अंपायर ने तकनीक के माध्यम से जांच की बल्लेबाज को आउट करार दिया गया। तब से ही DRS  का नियम अलग-अलग समय पर चर्चा का विषय बना रहा।

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भारत का दिग्गज खिलाड़ी हुआ था शिकार 

DRS के माध्यम से आउट करार दिए जाने वाला खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि भारतीय टीम के दिग्गज सलामी बल्लेबाज रहे वीरेंद्र सहवाग थे। टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का नाम इस वजह से इतिहास में दर्ज हो गया था। वह DRS तकनीक से आउट होने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए थे।

मुथैया मुरलीधरन की गेंद पर मैदानी अंपायर द्वारा नॉट आउट करार दिए जाने के बाद  DRS तकनीक से रिप्ले में पता चला था कि गेंद मिडिल स्टंप पर हिट कर रही है, जिसके बाद वीरेंद्र सहवाग को आउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा था। इस मैच में भारत को श्रीलंका ने पारी और 239 रन से हराया था। सहवाग ने पहली पारी में 25 तो दूसरी पारी में 13 रन बनाए थे।

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कैसा रहा सहवाग का करिअर

वीरेंद्र सहवाग अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाते थे। उन्होंने टीम इंडिया के लिए 104 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 49.34 के औसत से 8586 रन बनाए बनाए हैं। इसमें 23 शतक और 32 अर्धशतक शामिल हैं। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ स्कोर 319 रन का रहा है। वहीं, वनडे मैच की बात की जाए तो वीरेंद्र सहवाग ने कुल 251 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 15 शतक और 38 अर्धशतक की मदद से 8273 रन बनाए हैं। वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 219 रन का रहा है। सहवाग ने अपने करिअर में 19 टी20 मैच भी खेले हैं, जिसमें उन्होंने 394 रन बनाए हैं।

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