विश्व शतरंज चैंपियन से मुलाकात पर बोले गौतम अडानी- नई पीढ़ी को प्रेरित कर रहे डी गुकेश
Gautam Adani meet D Gukesh : भारतीय ग्रैंडमास्टर डोमाराजू गुकेश या डी गुकेश सिर्फ 18 साल की उम्र में विश्व शतरंज के चैंपियन बन गए। उन्होंने सबसे कम उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बनने का खिताब अपने नाम किया। इससे पहले साल 1985 में रूसी शतरंज खिलाड़ी गैरी कास्परोव सबसे कम उम्र सिर्फ 24 साल में विश्व चैंपियन बने थे, जिसका रिकॉर्ड डी गुकेश ने तोड़ दिया। इस बीच अडानी समूह के संस्थापक व अध्यक्ष और भारतीय अरबपति कारोबारी गौतम अडानी ने डी गुकेश से मुलाकात की।
गौतम अडानी डी गुकेश और उनके माता-पिता से मिले। उन्होंने डी गुकेश और उनके परिजनों से हुई मुलाकात को लेकर एक्स पर पोस्ट किया और तस्वीरें भी शेयर कीं। साथ ही गौतम अडानी ने कहा कि विश्व शतरंज चैंपियन डी गुकेश से मिलना और उनकी जीत का कहानी सुनना सौभाग्य था।
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युवाओं को प्रेरित करते हैं डी गुकेश : गौतम अडानी
बिजनेसमैन गौतम अडानी ने कहा कि डी गुकेश के साथ उनके माता-पिता डॉ. रजनीकांत और डॉ. पद्मावती से मिलना भी उतना ही प्रेरणादायक था, जिनके त्याग ने उनकी कामयाबी की नींव रखी है। सिर्फ 18 साल की उम्र में गुकेश का संयम और प्रतिभा भारत के युवाओं को प्रेरित करता है। उनके जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी नई पीढ़ी को प्रेरित कर रहे हैं। वे दशकों तक ग्लोबल चेस पर हावी होने के लिए तैयार चैंपियनों की एक सेना का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आत्मविश्वास से भरा और उभरता हुआ भारत है। जय हिंद।
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गौतम अडानी ने जीत पर दी थी बधाई
आपको बता दें कि इससे पहले भारतीय बिजनेसमैन ने डी गुकेश की जीत पर बधाई दी थी। उन्होंने कहा था कि अद्भूत! सिर्फ 18 साल की आयु में डी गुकेश ने इतिहास रच दिया। क्या उपलब्धि है- सबसे कम उम्र के शतरंज चैंपियन डी गुकेश ने महान डिंग लिरेन को हरा दिया। यह केवल एक जीत नहीं है। यह भारत की शतरंज क्रांति के लिए एक निर्णायक क्षण है, जहां चैंपियनों की एक पूरी साहसी पीढ़ी सपने देखने की हिम्मत करती है और पूरे देश को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित होंगे डी गुकेश
केंद्र सरकार ने डी गुकेश को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया। खेल मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि पुरस्कार विजेताओं को 17 जनवरी को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में भारत के राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त होंगे।