लिएंडर पेस और विजय अमृतराज ने रचा इतिहास, बने ये कारनामा करने वाले एशिया के पहले खिलाड़ी
Leander Paes and Vijay Amritraj:भारत के महान टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस और विजय अमृतराज के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। उन्हें 'टेनिस हॉल ऑफ फेम' में शामिल किया गया है। इस लिस्ट में शामिल होने वाले वो एशिया के पहले खिलाड़ी हैं। लिएंडर पेस ने अटलांटा ओलंपिक 1996 में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने अपने करियर में 18 ग्रैंडस्लैम अवार्ड जीते हैं। इसके अलावा वो डेविस कप में कई यादगार मैचों का हिस्सा भी रहे हैं।
वहीं, अगर विजय अमृतराज की बात करें तो वो विंबलडन और अमेरिका ओपन में दो-दो बार पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई है। उन्होंने भारत को 1974 और 1987 में डेविस कप के फाइनल में पहुंचाया था। सिंगल्स में उनकी बेस्ट रैंकिंग 18 थी।
लगातार 7 ओलंपिक का हिस्सा बन चुके हैं पेस
इंटरनेशनल टेनिस 'हॉल ऑफ फेम' ने अपने बयान में कहा कि लिएंडर पेस को 'प्लेयर कैटगरी' में ये सम्मान मिला है। जबकि विजय अमृतराज को 'कंट्रिब्यूटर्स कैटगरी' में ये सम्मान मिला है। यह सम्मान ऐसे खिलाड़ियों को दिया जाता है, जिन्होंने इस खेल में अपना प्रभाव डाला हो। इस लिस्ट में अभी तक 28 देशों के कुल 267 दिग्गजों को शामिल किया गया है। पेस युगल में वर्ल्ड रैंकिंग में 37 हफ्ते तक टॉप पर थे। उन्होंने 54 युगल खिताब जीते हैं। इसके अलावा वो लगातार 7 ओलंपिक में खेल चुके हैं, जो एक रिकॉर्ड है।
What a proud moment for #Tennis in #India!!
With #VijayAmritraj n #LeanderPaes being inducted into the #HallOfFame, we are reminded of their glorious feats n that fab era for our tennis!!!! pic.twitter.com/fF4bIkCxBp
— rajan mahan (@rajanmahan) July 21, 2024
लिएंडर पेस ने कही ये बात
इस सम्मान को मिलने के बाद लिएंडर पेस ने कहा, 'यह सम्मान कुछ ही लोगों को मिला है और मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे भी इसमें शामिल किया गया है। बचपन में मैं जब कोलकाता में नंगे पांव क्रिकेट और फुटबॉल खेलता था तो मैंने यह सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे इंटरनेशनल टेनिस हॉल ऑफ फेम में जगह मिलेगी। मैं आप से इस खबर को शेयर करते हुए उत्साहित महसूस कर रहा हूं। मैं दुनिया भर के हर उस युवा का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, जो जिंदगी में कुछ हासिल करना चाहता है।
विजय अमृतराज ने कहा, 'मैं अपने साथियों को जितना भी धन्यवाद कहूंगा, वो कम है। आपने मेरा हर जगह स्वागत किया गया है। मेरा, आप का और भारत का विकास एक साथ हुआ था। मैंने अपने दुख और सुख को आपके साथ साझा किया है।'
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