धोनी से पूछूंगा- शतक के बाद क्यों कर दिया बाहर? संन्यास लेते ही मनोज तिवारी ने दागे सवाल
Manoj Tiwari Target MS Dhoni: भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी अब तक के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक रहे हैं। धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने टी-20 और वनडे वर्ल्ड कप जीते। हालांकि समय-समय पर उनकी आलोचना भी होती रही। कुछ अच्छे खिलाड़ियों को मौका न देने पर भी सवाल उठे। कुछ ऐसे ही सवाल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले क्रिकेटर मनोज तिवारी ने दागे हैं। मनोज तिवारी ने एक इंटरव्यू में एमएस धोनी पर कई आरोप लगाए।
टेस्ट टीम में मौका न मिलने से हुई निराशा
दो दशकों तक बंगाल के क्रिकेट में छाए रहे मनोज तिवारी ने टीम इंडिया के लिए 12 वनडे और तीन टी20 इंटरनेशनल खेले। हालांकि उनका कहना है कि बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। मनोज तिवारी ने हाल ही रणजी ट्रॉफी में बंगाल के फाइनल मैच के एक दिन बाद संन्यास ले लिया था। उन्होंने कहा कि उन्हें अच्छे प्रदर्शन के बावजूद टेस्ट टीम में मौका न मिलने से काफी निराशा हुई थी।
युवराज सिंह को चुन लिया
मनोज तिवारी ने कहा- "जब मैंने 65 फर्स्ट क्लास मैच खेले, तब मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था। मेरा ऐवरेज भी करीब 65 के आसपास था। जब ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत का दौरा किया तो मैंने चेन्नई में खेले गए एक फ्रेंडली मैच में 130 रन ठोके। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ भी इसी तरह के एक मैच में 93 रन जड़े।''
मैं टीम इंडिया में जगह बनाने के काफी करीब था, लेकिन उन्होंने युवराज सिंह को चुन लिया। इसलिए मुझे टेस्ट कैप नहीं मिल सकी। मुझे शतक बनाने के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार तक दिया गया, लेकिन इसके बावजूद मुझे नजरअंदाज कर दिया गया।
लगातार 14 मैचों में नजरअंदाज किया गया
मनोज तिवारी ने आगे कहा कि मुझे लगातार 14 मैचों में नजरअंदाज किया गया। मनोज ने कहा- जब किसी खिलाड़ी का आत्मविश्वास अपने चरम पर होता है और फिर कोई उसे खत्म कर देता है, तो वह खिलाड़ी खत्म हो जाता है।
इसके बाद जब मनोज तिवारी से पूछा गया कि उस आत्मविश्वास को किसने खत्म किया तो उन्होंने कहा कि मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता। उन्होंने कहा कि जब किसी खिलाड़ी को बाहर किया जाता है तो यह टीम मैनेजमेंट का फैसला होता है।"
शतक बनाने के बावजूद मुझे टीम से बाहर क्यों कर दिया गया
इसके बाद जब मनोज तिवारी से पूछा गया कि उस वक्त एमएस धोनी कप्तान थे? तो उन्होंने कहा- ''एमएस धोनी कप्तान थे। अगर मुझे सवाल पूछने का मौका मिला, तो मैं उनसे पूछूंगा कि शतक बनाने के बावजूद मुझे टीम से बाहर क्यों कर दिया गया?''
दरअसल, मनोज तिवारी को अपना वनडे डेब्यू का मौका 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिला। उन्होंने 11 दिसंबर 2011 को चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली वनडे सेंचुरी जमाई। इसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड भी दिया गया। हालांकि, उन्हें जुलाई 2012 तक दूसरा मौका नहीं मिला।
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कोई रन नहीं बना रहा था
मनोज तिवारी ने इस दौरान ऑस्ट्रेलिया दौरे की बात कही। उन्होंने कहा कि उस वक्त कोई भी रन नहीं बना रहा था। रोहित शर्मा से लेकर सुरेश रैना और विराट कोहली तक कोई भी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा था। हालांकि अब मैं क्या कह सकता हूं। मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है।
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