Paris Olympics 2024 में मिली हार से टूटा भारत के दिग्गज खिलाड़ी का दिल, कर दिया चौंकाने वाला ऐलान
Paris Olympics 2024 का दूसरा दिन भारत के लिए बेहद निराशाजनक रहा। इस दिन भारत की झोली पदक से पूरी तरह से खाली रही। वहीं, देर रात भारत के एक दिग्गज खिलाड़ी को भी मैच में हार का सामना करना पड़ा। इस मैच को हारने के बाद इस दिग्गज खिलाड़ी ने अपने 22 साल के सफर को यहीं पर खत्म करने का ऐलान कर दिया। मैच में मिली हार के बाद इस खिलाड़ी ने संन्यास का फैसला ले लिया।
किस खिलाड़ी ने लिया संन्यास
अपने खेल करिअर को अलविदा कहने वाले ये खिलाड़ी टेनिस के स्टार प्लेयर रोहन बोपन्ना हैं। रोहन बोपन्ना को पेरिस ओलंपिक की डबल्स की स्पर्धा में फ्रांस की जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में मिली हार के बाद रोहन बोपन्ना ने अपने खेल को अलविदा कह दिया। भारत के लिए उन्होंने 22 साल टेनिस खेला। हाल ही में रोहन बोपन्ना ने 43 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीतने का कीर्तिमान अपने नाम किया था। रोहन बोपन्ना करियर में 1 ओलंपिक पदक जीतना चाहते थे, लेकिन उनका ये सपना पूरा नहीं हो सका।
किससे हारे मैच
पेरिस ओलंपिक-2024 की टेनिस डबल्स की स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे रोहन बोपन्ना और बालाजी का सामना फ़्रांस के एडवर्ड रोजर और गेल मोनफिल्स की जोड़ी से हुआ था। इस मैच में भारतीय जोड़ी को सीधे सेटों में हार के साथ बाहर होना पड़ा था। फ्रांस की इस जोड़ी ने रोहन बोपन्ना और बालाजी की जोड़ी को 5-7, 6-2 के अंतर से हराकर टूर्नामेंट से बाहर किया।
क्या बोले रोहन बोपन्ना
मैच हारने के बाद रोहन बोपन्ना ने कहा कि मैंने भारतीय जर्सी में अपना अंतिम मुकाबला खेल लिया है। ये देश के लिए मेरा अंतिम मैच था। मैं समझ सकता हूं कि मैं किस स्थिति में हूं। मैं अब जब खेलूंगा, तब टेनिस का लुत्फ उठाऊंगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं 2 दशक तक भारत का प्रतिनिधित्व करूंगा। 2002 में अपने पदार्पण से और 22 साल बाद भी भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है।
इस मैच को बताया यादगार
रोहन बोपन्ना ने इस अवसर पर बताया कि उनका सबसे यादगार मैच 2010 के डेविस कप में ब्राजील के खिलाफ था। इस मैच में और उसके बाद सर्बिया के खिलाफ 5 सेटों में मैच जीतना यादगार लम्हा था। रोहन डेविस कप से पहले ही संन्यास ले चुके थे।
1996 से ओलंपिक में है सूखा
भारत ने टेनिस में 1996 में पदक जीता था। इसके बाद से कोई भी खिलाड़ी पदक नहीं जीत सका है। बोपन्ना 2016 के ओलंपिक में सानिया मिर्जा के साथ इस सूखे को खत्म करने के करीब पहुंच गए थे, लेकिन दोनों को चौथे स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ा था।
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