अरशद नदीम: पिता मजदूर, चंदे से खरीदा भाला, अब गोल्ड मेडल जीतकर रच दिया इतिहास
Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 में भाला फेंक इवेंट का फाइनल मुकाबला 8 अगस्त को खेला गया। जिसमें पाकिस्तान के अरशद नदीम ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। अरशद ने मैच के दौरान अपने दूसरे थ्रो में 92.97 मीटर तक भाला फेंका। इसके साथ ही अरशद ने ओलंपिक में एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड को अपने नाम किया। क्वालिफिकेशन राउंड में अरशद नीरज चोपड़ा से पीछे थे लेकिन फाइनल में उन्होंने नीरज को भी मात दे दी।
पिता थे मजदूर
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में अरशद नदीम ने बताया था कि उनके पिता एक मजदूर थे। वो अपने पिता के साथ पाकिस्तान के मशहूर खेल नेजाबाजी को देखने जाते थे। इस खेल में कई खिलाड़ी हाथ में लंबी सी स्टिक से जमीन पर रखे एक निशान को उठाते हैं। शुरू में नदीम को यह खेल इतना पसंद आ गया था कि वो इस खेल का अभ्यास करने लगे। इस दौरान उन्होंने टेप बॉल क्रिकेट में भी हाथ अजमाया था।
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इसी बीच उनकी दिलचस्पी जैवलिन थ्रो में बढ़ गई। नेजाबाजी की ट्रेनिंग से उन्हें काफी ज्यादा फायदा हुआ। स्कूल के एथलेटिक्स इवेंट के दौरान उन्होंने अपने थ्रो से सभी को हैरान कर दिया था। उनकी प्रतिभा को उनके स्कूल के कोच रशीद अहमद सकी ने पहचाना। उन्होंने रशीद अहमद सकी की देखरेख में अपनी ट्रेनिंग शुरू की।
सरकारी नौकरी के लिए की मेहनत
अरशद नदीम का परिवार काफी बड़ा था। वो आठ भाई-बहनों में तीसरे नंबर थे। घर के हालात ठीक ना होने के बाद भी उनके पिता ने अपने बेटे के खाने में कोई कमी नहीं होने दी। उनकी कोशिश हमेशा यही रही कि उनके बेटे को दूध और घी मिलता रहे। 400-500 रुपये की मजदूरी के बाद भी उन्होंने अरशद का अच्छे से ख्याल रखा। घर की आर्थिक हालात को देख कर नदीम का सपना एक सरकारी नौकरी हासिल करने का था।
PTI wishes Arshad Nadeem all the best ahead of the Men’s Javelin Throw final at the Paris Olympics.
Let’s bring the medal home, champ! 🇵🇰 pic.twitter.com/Rb8hGAcY0j
— PTI (@PTIofficial) August 8, 2024
ऐसे मिला मौका
सरकारी नौकरी के लिए उन्होंने स्पोर्ट्स कोटा के अंडर पाकिस्तान वॉटर एंड पावर डेवलपमेंट अथॉरिटी के लिए ट्रायल्स दिए थे। इस दौरान पांच बार पाकिस्तानी नेशनल चैम्पियन और पूर्व एशियन मेडलिस्ट जैवलिन थ्रोअर सैय्यद हुसैन बुखारी ने उन्हें देखा। सैय्यद हुसैन बुखारी ने केवल उन्हें नौकरी दिलाई बल्कि उनके करियर को एक अलग ही दिशा में मोड़ दिया।
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चंदे में दिए हैं लोगों ने पैसे
अपने बेटे की सफलता को लेकर नदीम के पिता ने कहा, 'लोगों को नहीं पता है कि वो इस मुकाम पर कैसे पहुंचे हैं। उसकी ट्रेनिंग के लिए दोस्त, गांव के लोग और रिश्तेदार ने पैसे दिए हैं। जब उसने फाइनल में जगह बनाई थी तो गांव में जश्न का माहौल था। अगर वो ओलंपिक पदक जीत गया तो यह हमारे और हमारे गांव के लिए एक बहुत बड़ा पल होगा।
Best of luck to Arshad Nadeem in the Olympic finals tomorrow! 🇵🇰🏅 Praying you bring home an Olympic medal.
You’re already an inspiration to millions, and all of Pakistan is proudly cheering for you brother 💚#TeamPakistan #GoArshad pic.twitter.com/FLcYg9Im3N
— Naseem Shah (@iNaseemShah) August 7, 2024