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Vinesh Phogat के केस पर फैसला 3 दिन आगे क्यों? क्या बोले CAS अधिकारी

Vinesh Phogat के मामले पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने एक बार फिर अपने निर्णय देने की तारीख को स्थगित कर दिया है। इससे भारत के करोड़ों खेल प्रशंसकों का इंतजार और बढ़ गया है। सीएएस की ओर से निर्णय देने की तारीख को तीसरी बार स्थगित किया गया है। अब ये फैसला 16 अगस्त तक आने की उम्मीद है। 
09:23 AM Aug 14, 2024 IST | mashahid abbas
vinesh phogat के केस पर फैसला 3 दिन आगे क्यों  क्या बोले cas अधिकारी
Vinesh Phogat

Vinesh Phogat के मामले पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) की ओर से तारीख पर तारीख दी जा रही है। सीएएस ने लगातार तीसरी बार अपने फैसले की तारीख को स्थगित किया है। विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक-2024 में कुश्ती की 50 किग्रा वर्ग (महिला) के फाइनल मैच से पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस फैसले के खिलाफ भारत की इस स्टार पहलवान ने खेल पंचाट न्यायालय (CAS) में अपील दायर की थी। इसी अपील पर सीएएस को अपना फैसला सुनाना है। इस बीच भारत के करोड़ों खेल प्रशंसकों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर विनेश फोगाट मामले पर फैसले की तारीख को क्यों स्थगित किया गया है। इस संदर्भ में सीएएस की ओर से क्या बयान जारी किया गया है।

CAS ने क्या बताई वजह?

कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्रस की ओर से बताया गया है कि वह ओलंपिक खेलों के लिए मध्यस्थता नियमों के अनुच्छेद-18 के तहत फैसले में देरी कर रहा है। ओलंपिक खेलों के लिए सीएएस मध्यस्थता नियमों के अनुच्छेद-18 के अनुसार असाधारण मामलों में, यदि परिस्थितियों की आवश्यकता हो तो एड हॉक डिवीजन के अध्यक्ष की ओर से निर्णय देने की समयसीमा को बढ़ाया जा सकता है।

बार-बार तारीख बढ़ाने की क्या हो सकती है वजह?

CAS की ओर से बार-बार निर्णय देने की तारीख को स्थगित किया जा सकता है। इसके पीछे स्पष्ट है कि खेल पंचाट न्यायालय इस मामले में कतई जल्दबाजी नहीं करना चाहता है। वह तमाम तर्क और नियमों के तहत ही अपना फैसला देना चाहता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस फैसले में हो रही देरी की एक वजह यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के नियम भी हो सकते हैं। दरअसल यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के नियम के अनुसार वही पहलवान रेपेचेज का दावा करता है, जिसे फाइनल में हार मिली होती है।

पेरिस ओलंपिक-2024 में कुश्ती की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में जापान की यूई सुसाकी को रेपेचेज राउंड में ब्रॉन्ज मेडल खेलने का अवसर दिया गया। लेकिन, नियमों के अनुसार विनेश फाइनलिस्ट नहीं हैं, क्योंकि फाइनल मैच के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। ऐसे में फाइनल मैच क्यूबा की युस्नेलिस गुजमैन और USA की सारा हिल्डेब्रांट के बीच खेला गया था। इस मैच में सारा हिल्डेब्रांट ने जीत दर्ज की थी।

दूसरी ओर फाइनल में विनेश के न होने पर किस आधार पर सुसाकी को रेपेचेज में खेलने की अनुमति दी गई?  इसपर पेच फंसा हुआ है। अगर नियमों की बात की जाए तो सुसाकी को रेपेचेज खेलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी, लेकिन यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने ऐसा होने दिया। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी नियम को लेकर फैसले पर सहमति नहीं बन पा रही है। इस नियम की खामी के अनुसार भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट को फायदा भी मिल सकता है।

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महीनों तक खिंच सकता है केस 

विनेश फोगाट का मामला सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया भर के एथलीट्स के लिए नजीर बनेगा। इसलिए माना जा रहा है कि खेल पंचाट न्यायालय के फैसले के बाद जो भी पक्ष हारेगा, वो इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा और संभावना है कि इसे उच्च अधिकारियों के पास ले जाया जाएगा। इससे ये पूरा मामला महीनों तक लंबा खिंच सकता है।

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