टेस्ट में सबसे ज्यादा 90s में आउट होकर शतक से चूके ये भारतीय खिलाड़ी, जानें किसके नाम है रिकॉर्ड
IND vs NZ 1st Test: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज ऋषभ पंत बेंगलुरु के एम चिन्नस्वामी स्टेडियम में IND vs NZ के पहले टेस्ट मैच के दौरान 99 रन बनाकर आउट हो गए। इसका मतलब है कि वो सिर्फ 1 रन दूर थे अपने शतक से, लेकिन नर्वस नाइंटीज का शिकार हो गए। पंत के साथ ऐसा 7 बार हो चुका है, यानी वो 7 बार 100 रन से पहले आउट हो चुके हैं। आइए जानते हैं टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा नर्वस नाइंटीज का शिकार होने वाले भारतीय बल्लेबाजों के बारे में...
सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर, जिन्हें "क्रिकेट का भगवान" कहा जाता है। उन्होंने अपने लंबे करियर में कई बड़े स्कोर बनाए, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में 10 बार वह 90-99 के बीच आउट हो गए। इतने करीब आकर शतक न बना पाना निराशाजनक होता है, लेकिन यह दिखाता है कि उन्होंने हमेशा टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है।
राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़, जिन्हें टेस्ट क्रिकेट में "द वॉल" के नाम से जाना जाता था, अपने धैर्य और तकनीक के लिए मशहूर थे। लेकिन उन्होंने भी 90 के आसपास आउट होने का सामना किया। इतने सुलझे और शांत बल्लेबाज होने के बावजूद, वह शतक के करीब पहुंचकर नर्वस हो गए और शतक पूरा नहीं कर पाए।
सुनील गावस्कर
सुनील गावस्कर, जो भारतीय क्रिकेट के शुरुआती महान खिलाड़ियों में से एक हैं, अपने करियर में 5 बार 90 के आसपास आउट हुए हैं। वह उस समय के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक थे, लेकिन फिर भी उन पर शतक से कुछ रन पहले नर्वस नाइंटीज का दबाव हावी हो गया।
एमएस धोनी
भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी 5 बार टेस्ट मैच में नर्वस नाइंटीज का शिकार हो चुके हैं। इसका मतलब है कि वो 90 और 99 रनों के बीच आउट हो गए थे, बिना शतक पूरा किए।
वीरेंद्र सहवाग
अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए मशहूर वीरेंद्र सहवाग भी टेस्ट क्रिकेट में 5 बार 90 से 99 के बीच आउट हो चुके हैं। वीरेंद्र सहवाग का खेल हमेशा तेज और आक्रामक रहता था। वो बिना किसी डर के बड़े-बड़े शॉट खेलते थे। लेकिन कई बार ये जोखिम उन पर भारी पड़ जाता था, और वो शतक बनाने से पहले ही आउट हो जाते थे।
नर्वस नाइंटीज का दबाव हर बल्लेबाज पर होता है, चाहे वो कोई भी हो। जब कोई खिलाड़ी 90 रन बना लेता है, तो उसकी उम्मीदें शतक तक पहंचने की होती हैं, लेकिन साथ ही यह डर भी होता है कि कहीं वो शतक से पहले आउट न हो जाए। यही वजह है कि इतने महान खिलाड़ियों ने भी 90 के दशक में आउट होने का अनुभव किया हैं।