World Cup का वो सेमीफाइनल, जब फूट-फूट कर रोए खिलाड़ी; दर्शकों ने स्टेडियम में लगाई आग और की तोड़-फोड़
World Cup 1996 Semifinal Match Memoir: क्रिकेट का जादू दुनियाभर के लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। जब वर्ल्ड कप हो तो क्रिकेट का क्रेज और दोगुना हो जाता है। हरा-भरा मैदान, चौके-छक्के लगाते क्रिकेटर्स और दर्शकों से खचाखच भरा स्टेडियम, जोश और रोमांच से भरपूर माहौल रौंगटे खड़े कर देता है। देशभक्ति का जज्बा हिलोरे मारने लगता है।
ऐसा ही एक वर्ल्ड कप खेला गया था 1996 में, लेकिन उस इवेंट के एक मैच को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में काले दिन के रूप में याद किया जाता है। साथ ही उस मैच को विनोद कांबली के आंसुओं के लिए याद किया जाता है। उस दिन जो हुआ था, देखकर दर्शक भी भड़क गए थे। उन्होंने स्टेडियम में तोड़-फोड़ की और आग तक लगा दी थी। आइए जानते हैं कि आखिर 13 मार्च 1996 के दिन ऐसा क्या हुआ था, जिसे देखकर पूरा भारत मायूस हो गया था।
World Cup moments: An epic collapse, a tearful Vinod Kambli, India’s 1996 WC ends in ignominy, writes @vinayakkm https://t.co/hsHdEOc5Sf pic.twitter.com/jG7ajFNoaA
— The Field (@thefield_in) May 18, 2019
वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मैच श्रीलंका के साथ
भारत में रोमांच से भरपूर वर्ल्ड कप खेला जा रहा था। 13 मार्च को मेजबान भारत और श्रीलंका के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में सेमीफाइनल मैच खेला गया था। भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर फिल्डिंग करने का फैसला लिया। रोमेश कालुवित्राण, सनथ जयसूर्या, असाका गुरुसिम्हा, अरविंद डी सिल्वा, रोशन महानामा, कप्तान अर्जुन रणतुंगा, हसन तिलकरत्ने और चमिंडा वास फुल फॉर्म में थे। सभी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 251 रन बनाए और भारत को 252 रनों का टारगेट दिया।
भारतीय क्रिकेटरों का सबसे खराब प्रदर्शन रहा
टारगेट चेज करते हुए भारतीय खिलाड़ी मैदान में उतरे, लेकिन नवजोत सिद्धू 8 रन पर आउट हो गए। सचिन तेंदुलकर 65 रन बना चुके थे, लेकिन ईडन गार्डन्स की पिच इतनी टर्न हो रही थी कि खड़ा होना मुश्किल हो रहा था। इसका फायदा श्रीलंका के बॉलर्स को हुआ। सनथ जयसूर्या ने अपने पहले ही ओवर में तेंदुलकर को पैवेलियन भेज दिया। इसके बाद अजहरुद्दीन, संजय मांजरेकर, जवागल श्रीनाथ, अजय जडेजा, नयन मोंगिया, आशीष कपूर आउट होते चले गए। 34 ओवर में 120 रन पर 8 खिलाड़ी आउट हो चुके थे। विनोद कांबली और अनिल कुंबले सबसे आखिर में थे और भारतीय खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस देखकर दर्शक भड़क रहे थे।
One of Most 💔 moment for all 90s Generation.#OnThisDay 1996 v SL WC SF. Chasing 252 when Sachin got out at 65 Team Collapse 98/2 to 120/8.
Crowd Went Crazy & match awarded to SriLanka.
Painful memories & weeping vinod kambli still fresh.How Old Were you When This Happened🤔? pic.twitter.com/lI8IKPwjQY
— CrickeTendulkar 🇮🇳 (@CrickeTendulkar) March 13, 2020
स्टेडियम में हुई तोड़-फोड़ और आगजनी
भारतीय खिलाड़ियों को मैच हारता देखकर दर्शकों ने ग्राउंड में बोतलें फेंकनी शुरू कर दी। कुर्सी तोड़ने लगे, सीटें फाड़ दी। इतना ही नहीं स्टैंड में आग तक लगा दी है। खतरे को भांपते हुए खिलाड़ियों को सुरक्षा के बीच मैदान से बाहर ले जाया गया, लेकिन उस वक्त जो मंजर देखने को मिला, उसे देखकर हर भारतीय की आंखों में आंसू जरूर आ गए होंगे। विनोद कांबली की आंखों में आंसू थे। वे फफक-फफक कर रो रहे थे, क्योंकि एक तो भारतीय टीम मेजबान थी। दूसरी ओर, भारतीय टीम वर्ल्ड चैम्पियन बनने की प्रबल दावेदार थी। भारतीयों ने क्वार्टर फाइनल में पाकिस्तान को हराया था, लेकिन सेमीफाइनल में किस्मत ने साथ नहीं दिया। इतनी बुरी हार भी, किसी ने सोची नहीं थी।
एक इंटरव्यू में छलका था विनोद कांबली का दर्द
हालांकि विनोद कांबली और अनिल कुंबले मैदान में खेलने दोबारा आए, लेकिन माहौल तनावपूर्ण देखते हुए श्रीलंका टीम को विजेता घोषित कर दिया गया। श्रीलंका के खिलाड़ी जश्न मनाने लगे और भारतीय खिलाड़ी अपने फैन्स का आक्रोश देखकर सदमे में थे। उनका वर्ल्ड चैम्पियन बनने का सपना चकनाचूर हो गया था। सभी खिलाड़ी मायूस थे, उनकी आंखें नम थीं। इसके बाद एक इंटरव्यू में विनोद कांबली का दर्द छलका, जब उन्होंने कहा कि आज भी उस दिन को याद करके आंखों में आंसू आ जाते थे। सचिन जब तक खड़े थे, सब ठीक था, लेकिन उनके आउट होते ही तस्वीर बदल गई और जो तस्वीर थी, वह बेहद खौफनाक थी। अगर साथ मिल जाता तो मैं मैच निकाल देता।