36 घंटे की अमानवीय शिफ्ट..30 साल में नहीं देखी ऐसी पुलिस जांच, कोलकाता केस में भड़का सुप्रीम कोर्ट, 5 प्वाइंट
Kolkata Doctor Rape Case: कोलकाता में 9 अगस्त को 1 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दरिंदगी के बाद हत्या कर दी गई थी। इस केस के सामने आने पर देशभर में प्रोटेस्ट हुए। ये मामला हाईकोर्ट पहुंचा, लेकिन HC ने इसको सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। CBI ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेप और मर्डर केस की जांच पर अपनी रिपोर्ट दाखिल की है. पढ़िए सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले पर क्या-क्या कहा।
केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेप और मर्डर केस की जांच पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है. CBI की रिपोर्ट में मौका ए वारदात से छेड़छाड़ होने की बात का जिक्र है. CBI ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को लेकर भी कई दावे पेश किए।
1- भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई की। गुरुवार 22 अगस्त को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ट्रेनी महिला डॉक्टर की मौत मामले में कोलकाता पुलिस की देरी को बहुत परेशान करने वाला बताया।
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2- एक बार जब प्रदर्शनकारी डॉक्टर ड्यूटी पर वापस आ जाएंगे, तो हम अधिकारियों पर सही ढंग से कार्रवाई करने के लिए दबाव डालेंगे। अगर डॉक्टर काम नहीं करेंगे सब कैसे ठीक होगा? कोर्ट ने कहा अगर इसके बाद भी कोई दिक्कत है तो तब आप यहां आएं।
3- सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, ऐसा कैसे हुआ कि पोस्टमार्टम 9 अगस्त को शाम 6.10 बजे किया गया और फिर भी अप्राकृतिक मौत की सूचना ताला पुलिस स्टेशन को 9 अगस्त को रात 11.30 बजे भेजी गई। कोर्ट ने इसे परेशान करने वाला बताया। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला ने कहा, आपके राज्य पुलिस द्वारा अपनाई गई पूरी प्रक्रिया कुछ ऐसी है जो मैंने 30 सालों में नहीं देखी है।
#WATCH पश्चिम बंगाल: भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/f232HD02C3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 22, 2024
4- सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस अधिकारी को अगली सुनवाई में पेश होने और प्रविष्टि के समय का खुलासा करने का निर्देश भी दिया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा ने कहा हम देश भर में रेजिडेंट डॉक्टरों के अमानवीय कामकाजी घंटों के बारे में चिंतित हैं। कुछ डॉक्टर 36 घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं, नियुक्त समिति को सभी डॉक्टरों के ऑन-ड्यूटी घंटों पर ध्यान देने की जरूरत है। 36 या 48 घंटे की शिफ्ट बिल्कुल अमानवीय है!
5- सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर केंद्र को निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही इस केस की अगली अगली सुनवाई अब 5 सितंबर को की जाएगी।