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पश्चिम बंगाल का 'सुपर मैन' ऑटोवाला, 75 साल की उम्र में युवाओं के लिए कर रहा मिसाल कायम

West Bengal News: समय और हालात कभी भी बदल सकते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो इन परिस्थितियों के आने पर भी नहीं झुकते हैं। ऐसे ही एक 75 साल का बुजुर्ग हैं, जो टोटो चलाकर युवाओं के लिए प्रेरणा बन रहे हैं।
07:50 PM Nov 11, 2024 IST | Deepti Sharma
पश्चिम बंगाल का  सुपर मैन  ऑटोवाला  75 साल की उम्र में युवाओं के लिए कर रहा मिसाल कायम
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West Bengal News: आसनसोल, पश्चिम बंगाल आसनसोल नगर निगम के वार्ड संख्या 76 के काला झरिया रोड सात नंबर गली इलाके के रहने वाले 75 वर्षीय बुजुर्ग प्रशांतों कुमार राय इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं।

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दरअसल, वह अपनी इस उम्र में कुछ ऐसा काम कर रहे हैं, जो काम आसनसोल या फिर पश्चिम बंगाल ही नहीं बल्कि पुरे देश के लोगों को प्रेरणा देने का काम कर रहा है। सुपर मैन के नाम से चर्चित यह टोटो वाले बुजुर्ग चाचा 75 की उम्र मे टोटो चलाते हैं।

टोटो उनका खुद का नहीं है, वह टोटो किसी से प्रतिदिन 250 रुपए के हिसाब पर हर रोज किराए पर लेते हैं और कभी 500 तो कभी 600 रुपए तीन शिफ्ट चलाकर कमा लेते हैं, जिससे टोटो वाले इस बुजुर्ग चाचा का खुद का पेट तो चलता ही है, इसके साथ में इनके घर में मौजूद करीब अन्य पांच लोगों का भी भरण -पोषण हो जाता है। टोटो वाले इस बुजुर्ग चाचा की अगर मानें तो इनका घर भी किराए पर है, घर में पत्नी, एक बेटा साथ में बेटे की पत्नी और एक पोता और पोती रहते हैं।

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पहले चलाते थे मिनी बस

चाचा कहते हैं की वह 1975 के समय में पहले मिनी बस चलाते थे। उस समय मिनी बस का खूब चलन था। धीरे -धीरे समय बिता और किराए पर चलने वाली कार की डिमांड बढ़ गई, जिसके बाद चाचा किराए पर कार चलाने लगे। किराए पर कार चलाने के बाद भी जब उनका पारिवारिक खर्च पूरा नहीं हो पा रहा था तब किराए पर टोटो चलाने लगे।

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दसवीं तक की पढ़ाई

75 वर्षीय बुजुर्ग प्रशांतों कुमार राय दसवीं पास हैं और उन्होंने जब से अपना होश संभाला वह मेहनत कर रहे हैं। वह कहते हैं उनके अंदर मेहनत करने की सिख उनको उनके पिता से मिली है। उनके पिता भी परिवार का भरण -पोषण करने के लिये खूब मेहनत करते थे।

वह अपने पिता की परिवार के प्रति समर्पण और मेहनत को देख वह बड़े हुए और वह भी अपने पिता के नक्शे कदमों पर चलने लगे। यही कारण है की वह आज इस उम्र में भी खुद से नहीं हारे हैं। कई लोग इस उम्र में जहां जीने की चाह छोड़ देते हैं, खुद को बोझ समझने लगते हैं, ऐसे लोगों के लिए प्रशांतों कुमार राय प्रेरणा बन रहे हैं।

खाने-पीने का रखते हैं पूरा ध्यान 

प्रशांतों कुमार राय हर रोज सुबह करीब साढ़े तीन बजे उठ जाते हैं और बिस्किट खाकर टोटो लेकर निकल जाते हैं। फिर सुबह सात बजे वापस अपने घर नाश्ता करने चले आते हैं और करीब साढ़े दस बजे घर से निकल जाते हैं।

दोपहर 12 बजे वापस अपने घर चले आते हैं और खाना खाने के बाद डेढ़ बजे के करीब घर से निकलते हैं। शाम 6 या फिर सात बजे वापस अपने घर चले जाते हैं। देखा जाए तो जवानों को भी पीछे छोड़ जाते हैं और इसलिए सुपर मैन कहलाते हैं।

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