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कंडक्टर के टॉयलेट ब्रेक ने लेट कराईं 125 ट्रेनें, South Korea मेट्रो के यात्री हुए परेशान

साउथ कोरिया में एक ऐसी घटना हुई, जिसके कारण 120 से ज्यादा ट्रेनें लेट हो गई। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
07:49 PM Nov 29, 2024 IST | Ankita Pandey
metro
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साउथ कोरिया के एक सबवे में काम करने वाले कंडक्टर के छोटे से ब्रेक के कारण 125 ट्रेने  20 मिनट देरी से चली। बता दें कि कंडक्टर ने केवल कुछ ही मिनट का ब्रेक लिया था, मगर उसका टॉयलेट ब्रेक तब महंगा साबित हुआ, जब इसके कारण बहुत से ट्रेनें और यात्री प्रभावित हुए। आइए पूरे मामले के बारे में जानते हैं।

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टॉयलेट ब्रेक पड़ा भारी

साउथ कोरिया के एक सबवे के एक कंडक्टर ने स्टेशन पर टॉयलेट का उपयोग करने के लिए चार मिनट का क्विक ब्रेक लिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई क्योंकि अन्य ट्रेनों को रिशिड्यूल करना पड़ा। यह घटना सोमवार को सुबह 8:11 बजे सियोल की लाइन 2 पर हुई। बता दें कि सर्कुलर रूट के बाहरी लूप पर ट्रेन चला रहे कंडक्टर को टॉयलेट का उपयोग करना था और इसलिए उसे एक स्टेशन पर तुरंत रुकना पड़ा। उसे टॉयलेट का उपयोग करने के लिए दूसरी मंजिल पर जाना पड़ा।

कोरियन मीडिया ने बताया कि सियोल में जब कंडक्टर शौचालय का इस्तेमाल कर रहा था, तब एक इंजीनियर ट्रेन पर नजर रख रहा था। उसने कुल चार मिनट और 16 सेकंड का समय लिया।

South Korean metro

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रिशिड्यूल करनी पड़ी ट्रेनें

भले ही इस कारण कोई ट्रेन रुकी नहीं, लेकिन 125 ट्रेनों को चलाने में देरी हुई। ये सभी ट्रेनें 20 मिनट की देरी से चल रही थीं। इस घटना पर बोलते हुए सियोल मेट्रो ने कहा कि समस्या का जल्द ही समाधान कर दिया गया और यात्रियों को ज़्यादा समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा।

बता दें कि सर्कुलर लाइनों पर काम करने वाला ड्राइवर दो से तीन घंटे तक बिना ब्रेक के काम करता रहता है। हालांकि उनके पास पोर्टेबल टॉयलेट हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में वे काफी नहीं होते हैं और ड्राइवर को बाहरी टॉयलेट का उपयोग करने की जरूरत होती है।

दक्षिण कोरिया मेट्रो की समस्याएं

लोग सबवे ड्राइवर की कामकाजी परिस्थितियों के बारे में जानकर हैरान रह गए, उनका कहना है कि हर चीज के लिए एक आदमी को जिम्मेदार ठहराना लेवर राइट्स के खिलाफ है। आपातकालीन स्थितियों में सहायक कर्मियों को कार्यभार संभालने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे काम सुचारू रूप से चलने में मदद मिलेगी । दक्षिण कोरिया में सबवे के सामने एक और बड़ी चिंता नशे में धुत ड्राइवरों की है। हाल ही में सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि सियोल सबवे के 33 कंडक्टर शराब के नशे में ट्रेन चलाते हुए पकड़े गए।

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