खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

पाकिस्तान में 'वैष्णो देवी' जैसा मंदिर, अमरनाथ से ज्यादा मुश्किल है रास्ता, दुनियाभर से आते हैं लोग

Pakistan Hinglaj Mata Mandir: क्या आप पाकिस्तान के हिंगलाज माता मंदिर के बारे में जानते हैं, यहां नवरात्री में खूब भीड़ होती है। पौराणिरक कथाओं के अनुसार यहां माता का सिर का भाग गिरा था। इस मंदिर को वहां के मुस्लिम लोग हज मांगते हैं।
05:43 PM Apr 10, 2024 IST | Deeksha Priyadarshi
hinglaj temple
Advertisement

Pakistan Hinglaj Mata Mandir: क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में एक ऐसा मंदिर है, जिसकी यात्रा अमरनाथ से भी अधिक कठिन। इसके बावजूद दोनों नवरात्रि में यहां सबसे अधिक भीड़ लगती है। दुनिया के अलग-अलग देशों से लोग हिंगलाज माता का दर्शन करने के लिए यहां आते हैं। हिंगलाज मंदिर दुनिया के 51 शक्तिपीठों में से एक है। नवरात्रों में इस मंदिर में ठीक वैसे ही पूजा की जाती हैं, जैसे भारत के मंदिरों में की जाती है। ये मंदिर पाकिस्तानके बलूचिस्तान में स्थित है।

Advertisement

हिंगलाज मंदिर को लेकर मान्यताएं

हिंगलाज मंदिर हिंगोल नदी के तट पर स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार पिता के अपमान से दुखी होकर सती ने खुद को हवनकुंड में अर्पण कर दिया था। पत्नी के वियोग में क्रोधित होकर भगवान शिव सती ते शव को कंधे में उठाकर तांडव करने लगे। भगवान शिव को रोकने के लिए भगवान विषणु ने चक्र चलाकर सती के 51 टुकड़े कर दिया था। माता के शरीर के टुकड़े जहां-जहां गिरे उस जगह को शक्तिपीठ का नाम दिया गया। सती के शरीर का पहला भाग यानी सिर किर्थर पहाड़ी पर गिरा था। इसे ही हिंगलाज मंदिर के नाम से जाना जाचा है। इसके जिक्र शिव पुराण से लेकर कालिका पुराण तक में में मिलता है।

क्यों अमरनाथ से अधिक कठिन है हिंगलाज महरानी की यात्रा

इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि इसकी यात्रा अमरनाथ से भी अधिक कठिन होती है। यहां सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम नही होते हैं। यही वजह है कि लोग यहां 30-40 लोगों का ग्रुप बनाकर ही यात्रा करते हैं। कोई भी यात्रि 4 पड़ाव और 55 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके हिंगलाज पहुंचते हैं। बता दें कि 2007 से पहले यहां पहुंचने के लिए 200 किलोमीटर पैदल चलना होता था। इसमें 2 से 3 महीने तक का समय लगा जाता था।

यह भी पढ़ें : गिरफ्तार लड़की को रील से मिले थे हजारों रुपये, झाड़ू-पोछा करते-करते कैसे बन गई सोशल मीडिया सेंसेशन

Advertisement

इस मंदिर को हज मानते हैं पाकिस्तान के मुस्लिम

हिंगलाज महारानी का ये मंदिर पाकिस्तान के सबसे बड़ें हिंदू बाहुल्य इलाके में स्थित है। यहां हिंदू-मुस्लिम का कोई अंतर है। पाकिस्तान के मुस्लिम लोग इसे हज मानते हैं। कई बार आरती के समय मुस्लिम लोग हाथ जोड़कर खड़े रहते हैं।

Advertisement
Tags :
Hinglaj MataHinglaj Temple In Balochistan
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement