whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.

कथा कहते-कहते कैसे रोने लगते हैं कथावाचक? धीरेन्द्र शास्त्री ने खोली पोल! वीडियो खूब हो रहा वायरल

Dhirendra Shastri Video Viral : आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि कथा सुनाते वक्त कथावाचक आंसू निकालने के लिए बाम या विक्स का इस्तेमाल करते हैं।
01:28 PM May 31, 2024 IST | Avinash Tiwari
कथा कहते कहते कैसे रोने लगते हैं कथावाचक  धीरेन्द्र शास्त्री ने खोली पोल  वीडियो खूब हो रहा वायरल

Dhirendra Shastri Video Viral : आपने देखा होगा, कई बार कथावाचक कथा सुनाते सुनाते रो पड़ते हैं। कई बार कथावाचक कुछ ऐसे प्रसंग सुना रहे होते हैं तो भक्ति भाव में भावुक होकर आंसू बहा देते हैं। हालांकि बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कथा के दौरान रोने वाले कथावाचकों की 'पोल' खोलते दिखाई दे रहे हैं।

कथा के दौरान रोने वाले कथावाचकों की लिस्ट बड़ी लंबी है, ऐसे दृश्य को हाईलाइट भी खूब किया जाता है। इससे उनके वीडियो अधिक व्यूज भी मिलते हैं। हालांकि उनके भाव पर कभी सवाल नहीं उठा लेकिन आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कथा के दौरान रोने वालों पर सवाल उठा रहे हैं।

किसी वीडियो को एक छोटा सा हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इसमें धीरेन्द्र शास्त्री कह रहे हैं कि रुमाल में बाम या विक्स लगा लेते हैं। जब वनवास की कथा आती है तो रोना पड़ता है। अब ऐसे आंसू तो निकलते नहीं हैं, अब भक्तों को कैसे पता चलेगा कि वनवास की वजह से व्यास जी दुखी हैं।

धीरेन्द्र शास्त्री ने यह बातें किस संदर्भ में कहीं हैं, इसकी जानकारी नहीं है। हालांकि वीडियो शेयर कर लोग कह रहे हैं कि धीरेन्द्र शास्त्री ने अन्य कथावाचकों यह टिप्पणी की है।


बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री का कहना है कि बाम या विक्स लगे रुमाल को जैसे ही आंखों में लगाते हैं, झर-झर आंसू निकल आते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह सब बताना नहीं चाहिए लेकिन सबकी अपनी अपनी है, ठीक है। धीरेन्द्र शास्त्री का यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है और इस पर लोगों के तरह तरह कमेंट्स आ रहे हैं।

यह भी पढ़ें : छी! कैमरे के सामने मक्‍खी ही चबा गई न्‍यूज एंकर, Viral Video आप भी पकड़ लेंगे माथा

पत्रकार प्रभाकर मिश्रा ने लिखा कि एक दूसरे की पोल खोलने की शुरुआत पत्रकारों से हुई थी। अब बाबा, कथावाचक लोग, एक दूसरे की पोल खोलने में लगे हैं! अच्छा है। जय हो। एक ने लिखा कि आजकल कथावाचकों में भी काफी कम्पटीशन है। एक अन्य ने लिखा कि जब मुकाबला बढ़ने लगता है तो एक दूसरे पर कीचड़ उछाले जाते हैं।

Tags :
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो