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15 घंटे की शिफ्ट और कोई ट्रेनिंग नहीं! कर्मचारी ने बताई टेक स्टार्टअप की हालत

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सामने आया है। इसमें एक टेक स्टार्टअप कंपनी में काम करने वाले  लोगों ने ऑफिस के टॉक्सिक कल्चर के बारे में बताया है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
12:25 AM Dec 22, 2024 IST | Ankita Pandey
15 घंटे की शिफ्ट और कोई ट्रेनिंग नहीं  कर्मचारी ने बताई टेक स्टार्टअप की हालत

Viral Post: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट सामने आया है, जिसमें  एक Redditor ने भारत में एक स्टार्टअप कंपनी में एक टॉक्सिक वर्क कल्चर के बारे में अपना अनुभव  शेयर किया है। इस पोस्ट में कर्मचारी ने कंपनी के को-फाउंडर में से एक पर वर्बल एब्यूज  का आरोप भी लगाया, जो टेक्नोलॉजी हैड के रूप में भी काम करता है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे कंपनी के दुर्व्यवहार ने उन्हें Google Meet सत्र के दौरान रोने पर मजबूर कर दिया। आइए इसे बारे में जानते हैं।

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रेडिट पर वायरल हुआ पोस्ट

यूजर ने रेडिट पोस्ट के टाइटल में लिखा कि मैं Google Meet पर तकनीकी प्रमुख के सामने रोया। मुझे नहीं पता कि अब इसका सामना कैसे करना है। तकनीकी विशेषज्ञ ने बताया कि वह एक स्टार्टअप में काम करता है।  कंपनी के तीन संस्थापकों में से एक तकनीकी प्रमुख उनके साथ खराब व्यवहार करता है। उन्होंने स्टार्टअप में टॉक्सिक कल्चर के बारे में बताया, जहां कर्मचारी बिना किसी गाइडेंस या ट्रेनिंग के 12-15 घंटे की लंबी शिफ्ट में काम करते हैं। यहां हम आपके लिए वो पोस्ट शेयर कर रहे हैं।

i cried on google meet in front of tech lead, do not know how to face it now
byu/MoveTraditional2588 indevelopersIndia

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टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट ने अपने पोस्ट में साझा किया कि Google मीट सेशन में से एक में सह-संस्थापक ने वर्बल एब्यूज  के जरिए उसका अपमान किया। उन्होंने कहा कि  मैं अपने आंसू नहीं रोक सका और रोने लगा, और मैं काम करने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं था, इसलिए मैंने उससे कहा कि मैं Google मीट के कुछ घंटों के बाद छुट्टी ले रहा हूं ।

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आए कई कमेंट

Reddit पोस्ट को कुछ दिन पहले पोस्ट किया गया था। तब से इसे 700 से अधिक अपवोट मिल चुके हैं। लोगों ने इस पर बहुत से कमेंट किए हैं। एक यूजर ने लिखा कि अरे दोस्त, सुनो, तुम सब अच्छे हो। जीवन में, तुम अपने खुद के मानकों से खुद का मूल्यांकन करते हो और किसी और को अपनी भावनाओं के बारे में बुरा महसूस नहीं करने देते। तुम्हें जो भी महसूस होता है उसे महसूस करने की अनुमति है, और तुम्हें इसे व्यक्त करने की अनुमति है (जब तक कि यह दूसरों को चोट न पहुंचाएं)। दिल खोलकर रोओ, बच्चे, और फिर आगे बढ़ो। तुम बहादुर हो। तुम किसी भी हालत में कामयाब होगे! शुभकामनाएं!।

एक यूजर ने कहा, 'एक कहावत है। तुम इसलिए नहीं रोते क्योंकि तुम कमजोर हो, बल्कि इसलिए रोते हो क्योंकि तुमने बहुत लंबे समय तक मजबूत बनने की कोशिश की। यह ठीक है, उम्मीद है कि वह बेवकूफ समझेगा कि उसका व्यवहार दूसरों को चोट पहुंचा रहा है।'

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