सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है अयोध्या ये अनूठी रामलीला, 80% लोग हैं 'मुस्लिम'
Ayodhya Mumtaz Nagar Ramlila: राम लला की नगरी अयोध्या में इस समय दशहरा 2024 की तैयारियां चल रही हैं। इस बीच यहां मुमताज नगर इलाके की एक रामलीला ऐसी है जिसके संचालन में मुस्लिम समाज की बड़ी भागीदारी रहती है। जानकारी के अनुसार इस रामलीला कमेटी से कुल 1100 लोग जुड़े हुए हैं जिसमें से करीब 800 से ज्यादा मुस्लिम समुदाय से हैं, और 11 कलाकार हैं।
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— MOIZ ESUFALLY (@moizesufally) October 10, 2024
माजिद पेशे से डॉक्टर हैं
मुमताज नगर रामलीला रामायण समिति के प्रबंधक सैयद माजिद अली के अनुसार लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्य किरदार हिंदू कलाकार ही करते हैं। माजिद खुद पेशे से डॉक्टर हैं और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं और यूपी में स्वास्थ्य संबंधी राष्ट्रीय कार्यक्रमों को लागू करने की जिम्मेदारी संभालते हैं।
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हिंदू और मुसलमान दोनों की बुराई पर अच्छाई की जीत
मीडिया को दिए बयान में उन्होंने बताया कि पिछले छह साल से वह रामलीला समिति से जुड़े हुए हैं। जब दशहरा आता है तो वह हर साल छह सप्ताह के लिए खुद को भगवान राम को समर्पित कर देते हैं। उन्होंने बताया कि इस अनूठी रामलीला में प्रदेश के जाने-माने व्यक्ति आते हैं और इसकी प्रबंधक कमेटी से जुड़े हुए हैं। ये रामलीला हिंदू और मुसलमान दोनों की बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। ये रामलीला देश में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम करने में मदद करती है।
1963 में हुई थी रामलीला की शुरुआत
माजिद ने कहा कि इस रामलीला की शुरुआत उनके पिता ने 1963 में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने और हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को मजबूत करने के लिए की थी। यह रामलीला दोनों समुदाय के लोगों को एक सूत्र में बांधती है और संतुलन बनाने में मदद करती है।
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