आजम खान को 7 साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना, डूंगरपुर केस में कोर्ट का फैसला
Azam khan sentence in dungarpur case: पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को रामपुर के चर्चित डूंगरपुर मामले में कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायमूर्ति विजय कुमार ने आजम खान समेत चार दोषियों पूर्व सीओ सिटी आले हसन खान, पूर्व पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खान और ठेकेदार बरकत अली को सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी दोषियों पर पांच-पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है।
इन धाराओं में माना दोषी
कोर्ट ने मामले में जिबरान खान, फरमान खान और ओमेंद्र चौहान तीन लोगों को बरी कर दिया है। बता दें इससे पहले कोर्ट ने 16 मार्च को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था। सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आजम खान कोर्ट में हाजिर हुए। कोर्ट ने सभी दोषियों को आईपीसी की धारा 495, 412, 452, 504, 506, 427, 120बी के तहत दोषी माना है।
क्या है डूंगरपुर मामला
यह मामला साल 2016 का है, उस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। इस दौरान डूंगरपुर में विभागीय योजना के तहत आसरा आवास बनाए गए थे। अदालत में दायर याचिका के अनुसार जिस जगह आवास बनाए गए वहां पहले से ही कुछ मकान बने हुए थे। पुलिस के अनुसार जिन मकानों को बनाया गया था उन्हें यह कहकर तोड़ दिया गया कि वह अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बने हुए हैं। इसके बाद साल 2019 में यूपी में भाजपा सरकार आई। फिर इस मामले में थाना गंज में एफआईआर दर्ज की गई। शिकायत करने वालों में एक दर्जन से ज्यादा लोग थे।
पहले इन मामलों में हो चुकी है सजा
आजम खान फिलहाल जेल में हैं। डूंगरपुर में दर्ज एफआईआर में शिकायत की गई थी कि आजम खान ने प्रशासन और सपा कार्यकर्ताओं की मदद से आसरा आवास बनाने के लिए वहां पहले से रह रहे लोगों को जबरन हटाया था। बता दें इससे पहले उन्हें फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में एक अन्य अदालत ने सात साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा उन्हें हेट स्पीच के एक मामले में भी दो साल की सजा हो चुकी है।